वाराणसी: पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा की यह तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है. सनातन धर्म में पौष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान बेहद पुण्यकारी माना जाता है. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से इस बार पौष पूर्णिमा कब है.
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया की पौष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 13 जनवरी (सोमवार) को भोर में 4 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रहा है. जो 14 जनवरी की भोर में 3 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में पौष पूर्णिमा का व्रत और स्नान दोनों की तिथि 13 जनवरी होगी.
पौष पूर्णिमा की धार्मिक मान्यतासनातन धर्म में पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करने का बड़ा महत्व है. इस दिन सूर्यदेव के साथ चंद्रदेव की भी पूजा करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और धर्म-कर्म के कार्यों को करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा इस दिन जरूरतमंद को दान किया जाए तो जीवन के संकट दूर होते हैं.
इन चीजों का जरूर करें दानइस दिन गुड़ और तिल का दान जरूर करना चाहिए. इसके अलावा गर्म कपड़े भी यदि आप किसी जरूरतमंद को दान में देते हैं तो उससे भी आप पर आने वाली आफत दूर होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान से न सिर्फ सात जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है. बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास भी होता है. इसके साथ ही इससे सभी ग्रहों की बाधाएं भी दूर होती हैं.
Tags: Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 14:14 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.