नोएडा: रियल एस्टेट से जुड़े तमाम मामले सुप्रीम कोर्ट से लेकर देशभर की अलग-अलग कोर्ट में चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के नोएडा रियल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एम3एम इंडिया (M3M India) के खिलाफ दर्ज ईसीआईआर और दो एफआईआर को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कंपनी पर लगाए गए आरोपों में न तो कानूनी आधार था और न ही कोई ठोस सबूत. कोर्ट के इस फैसले से हजारों निवेशकों और घर खरीदारों को बड़ी राहत मिली है. इस प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले लोग अपने सपनों के घर को लेकर चिंतित थे.
दरअसल, सितंबर 2024 में हाईकोर्ट ने कंपनी के खिलाफ पीएमएलए (PMLA) कार्यवाही पर रोक लगाई थी. इस क्रम में ट्रायल कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही को स्थगित करने के आवेदन पर निर्णय सुरक्षित रख लिया, जिससे एम3एम इंडिया को और राहत मिलने की उम्मीद है.
मामले की पूरी जानकारी2023 में दर्ज की गई दो एफआईआर में एम3एम इंडिया, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और अन्य हितधारकों के बीच वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और संपत्ति अवमूल्यन के आरोप लगाए गए थे. इन एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ईसीआईआर दर्ज किया. हाईकोर्ट ने इन आपराधिक कार्यवाहियों को “कमर्शियल विवाद” करार दिया जिसे आपसी सहमति और मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए था. अदालत ने इस बात पर भी गंभीर टिप्पणी की कि मध्यस्थता प्रक्रिया के बावजूद कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई.
फैसले से बिल्डर को मिली राहतएम3एम इंडिया के प्रवक्ता ने इस फैसले को “न्याय और निष्पक्षता की जीत” बताया. उन्होंने कहा कि यह फैसला कंपनी के नैतिक मूल्य और व्यवसाय को दर्शाता है. प्रवक्ता ने भरोसा दिलाया कि कंपनी अब अपने निवेशकों के हितों और भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस फैसले से एम3एम इंडिया अपनी विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी और भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में अपना योगदान मजबूती से जारी रखेगी.
Tags: Allahabad high court, Allahabad High Court Order, Indian real estate sector, Noida news, Real estateFIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 14:44 IST