अयोध्या: पूरे देश में जहां सभी राजनीतिक पार्टियां संविधान को लेकर अपने-अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं तो वहीं मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या में सबसे पुरानी छावनी तपस्वी जी की छावनी में भी संविधान को लेकर चल रहे विवाद के बीच तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य भी अब सड़क पर उतर गए हैं .गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने आंबेडकर के कथित अपमान का मुद्दा उठाकर यह साबित करने की कोशिश की कि मोदी सरकार संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का इरादा रखती है.संविधान के विरोध का विवाद अब अयोध्या के मठ-मंदिरों तक पहुंच गया है. विरोध में अयोध्या के संत समाज ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के पोस्टर पर कालिख पोती और उनके पोस्टर को सड़क पर घसीटा. अयोध्या के संतों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का पोस्टर जलाकर इंडिया गठबंधन का विरोध भी किया.कांग्रेस ने किया संविधान का अपमानदर्जनों संतों ने तपस्वी छावनी पर विरोध प्रदर्शन करते हुए पोस्टर जलाए और नारेबाजी की. संतों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान के साथ छेड़छाड़ किया है. हिंदू देवी-देवताओं को संविधान से अलग किया है. कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय हित की बात नहीं करती है. कांग्रेस पार्टी देश विरोधी ताकतों के साथ है. जिसकी वजह से हम लोगों ने आज राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का पोस्टर सड़कों पर जलाया है.कांग्रेस की साजिशतपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि मूल संविधान की प्रति में कुल 22 चित्र नजर आते हैं. इन चित्रों में आदर्श भारतीय समाज की परिकल्पना है. इन चित्रों की शुरुआत मोहनजोदड़ो से होती है और फिर वैदिक काल के गुरुकुल, महाकाव्य काल के रामायण में लंका पर प्रभु राम की विजय, गीता का उपदेश देते श्री कृष्ण की फोटो भी है. जिसे एक साजिश के तहत कांग्रेस पार्टी ने गायब कर दिया. जगतगुरु ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सम्मान बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के लोग भ्रम फैला रहे हैं.FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 16:24 IST