Waiting Time For Ortho Surgeries At AIIMS Delhi Increased Upto 12 Month Bone Operation | दिल्ली के एम्स अस्पताल में ऑर्थो सर्जरी के लिए अब 1 साल तक करना होगा इंतजार, जानिए क्यों बढ़ा वेटिंग टाइम

admin

Waiting Time For Ortho Surgeries At AIIMS Delhi Increased Upto 12 Month Bone Operation | दिल्ली के एम्स अस्पताल में ऑर्थो सर्जरी के लिए अब 1 साल तक करना होगा इंतजार, जानिए क्यों बढ़ा वेटिंग टाइम



Ortho Surgeries At AIIMS Delhi: दिल्ली के एम्स अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जरी के लिए वेटिंग टाइम में भारी इजाफा हुआ है, जो पहले छह महीने के आसपास था, अब वो बढ़कर अब 12 महीने हो गया है. ये गंभीर स्थिति ऑपरेशन थिएटरों की कम कार्यक्षमता के कारण पैदा हुई है, जिससे काफी पेशेंट निराशा और अनिश्चितता की स्थिति में हैं.
वेटिंग टाइम बढ़ने की वजहटीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट की तरफ से सभी OT को संचालित करने में असमर्थता के कारण 7 ऑपरेशन थिएटर्स में से सिर्फ 4 से 5 ही कार्यशील हैं. डेली सर्जरी की संख्या 30 से घटकर 20 हो गई है, जिससे बैकलॉग बढ़ गया है और वेटिंग टाइम लंबा हो गया है.
इमरजेंसी सेवाएंहालांकि ट्यूमर ऑपरेशन और रीढ़ की हड्डी में कॉडा इक्विना जैसे अर्जेंट केसेज को इमरजेंसी कैटेगरी में रखा गया है, लेकिन शेड्यूल प्रोसीजर में काफी देरी होती है, खासकर दूर-दराज के इलाकों से आने वाले वंचित रोगियों को प्रभावित करती है. ऑर्थोपेडिक सर्जन के मुताबिक, रूटीन सर्जिकल शेड्यूल को बनाए रखने में असमर्थता के कारण वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ रही है.
पहले भी उठ चुकी है डिमांडहालांकि ऑर्थोपेडिक सर्जन ने औपचारिक रूप से अक्टूबर में डायरेक्टर के ध्यान में यह मुद्दा लाया था, और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर निरूपम मदान ने 23 नवंबर को सभी 7 ऑपरेशन थिएटरों के इस्तेमाल के लिए ऑथोराइजेशन जारी किया था, लेकिन सर्जिकल टीम को सभी थिएटरों को एक साथ ऑपरेट करने की कोशिश करते वक्त प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.

ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के फैकल्टी मेंबर्स द्वारा निदेशक को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है, “ये ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर्स की वर्तमान परिचालन स्थिति के बारे में हमारी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए है, जो जुलाई 2024 से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रही है. एनेस्थीसिया टीम मौजूदा वक्त में हमारे उपयोग के लिए सिर्फ 4 या 5 ऑपरेशन थिएटर आवंटित कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे कई रोगी आवश्यक सर्जरी कराने में असमर्थ हैं. कई एनेस्थीसिया फैकल्टी के सदस्यों ने ऑर्थोपेडिक फैकल्टी को सूचित किया है कि वो किसी भी वक्त सभी 7 ओटी को एकोमोडेट करने के इच्छुक हैं, लेकिन एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख के निर्देशों से विवश हैं.”
चिंता का विषयअपने पत्राचार में, ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के शिक्षाविदों ने चिंता व्यक्त की है कि भारी कमी से हेल्थकेयर डिलिवरी प्रभावित होता है और टैक्सपेयर फंडेड फैसिलिटीज का अप्रभावी इस्तेमाल होता है. उन्होंने मरीजों को ऑप्टिमल सर्विस देने के लिए इन संसाधनों का पूरा इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया.
सूत्रों के अनुसार, ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर्स का 2018 में तकरीबन 20 करोड़ रुपये के निवेश से रिनोवेशन किया गया था. ऑर्थोपेडिक डिरपार्टमेंट के मेंबर्स के मुताबिक, “एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुखों- डॉ. लोकेश कश्यप, डॉ. राजेश्वरी सुब्रमण्यम के मार्गदर्शन में, सभी 7 ओटी पूर्ण क्षमता पर काम करते थे. विभाग ने कई जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं के प्रबंधन और उत्कृष्ट रोगी देखभाल प्रदान करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की, इस कोलैबोरेटिव एफर्ट के कारण. ” 

डॉक्टर्स की कमी भी वजहएक सीनियर फिजीशियन ने टीओआई को बताया कि यह एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में इनसफिशिएंट फैकल्टी मेंबर्स और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स के कारण हुआ है. पिछले साल, फैकलटी के 5 सदस्यों ने इस्तीफा दिया, दो रिटायर हुए, और तकरीबन 15 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भारी संख्या में मरीजों के कारण संस्थान छोड़ दिया.
नई भर्ती की कोशिशजब संपर्क किया गया, तो AIIMS में मीडिया प्रभारी, प्रोफेसर रीमा दादा ने कहा कि संस्थान सभी पदों पर कर्मचारियों की सक्रिय रूप से भर्ती कर रहा था क्योंकि कई नए ब्लॉक स्थापित किए गए थे, जिससे मांग बढ़ गई थी. उन्होंने कहा कि रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.



Source link