Double Century in Cricket: उत्तराखंड की अठारह वर्षीय नीलम भारद्वाज ने इतिहास रच दिया है. वह लिस्ट ए मैच में दोहरा शतक लगाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बन गई हैं. 137 गेंदों पर उनकी नाबाद 202 रनों की पारी की बदौलत उत्तराखंड ने 10 दिसंबर (मंगलवार) को सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी में नागालैंड पर 259 रनों की शानदार जीत दर्ज की.
नीलम ने खेली तूफानी पारी
नीलम भारद्वाज ने अपनी पारी में 27 चौके और 2 छक्के लगाए. उन्होंने अपनी बैटिंग के दौरान सभी गेंदबाजों की जमकर धुनाई. उन्होंने के चारों ओर शॉट लगाए. उत्तराखंड के गेंदबाजों के लगातार दबाव के कारण नागालैंड की पारी ढह गई और वे 112 रन पर आउट हो गए. अनुभवी भारतीय गेंदबाज एकता बिष्ट ने मात्र 1.40 की शानदार इकॉनमी रेट के साथ शानदार पांच विकेट चटकाए. बिष्ट गेंदबाजी और भारद्वाज की बैटिंग ने उत्तराखंड को शानदार जीत दिलाई. भारद्वाज की उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट में उल्लेखनीय उपलब्धियों की बढ़ती सूची में जुड़ गई है.
मंधाना और मिताली के नाम भी दोहरा शतक
दोहरा शतक बनाने वाली भारतीय महिला क्रिकेटरों की लिस्ट में स्मृति मंधाना और मिताली राज जैसी खिलाड़ी शामिल हैं. 2013-14 में गुजरात अंडर-19 के खिलाफ महाराष्ट्र अंडर-19 के लिए मंधाना ने नाबाद 224 रन बनाए थे. इसी तरह, 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ मिताली राज की ऐतिहासिक 214 रन की पारी टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय महिला द्वारा बनाया गया सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है.
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नीलम भारद्वाज कौन हैं?
रामनगर रेलवे स्टेशन के पास कुमाऊं की झुग्गियों के चुनौतीपूर्ण माहौल से आने वाली नीलम भारद्वाज की क्रिकेट में सफलता की यात्रा उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है. उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं. वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे. हालांकि, 2020 में एक दुखद दुर्घटना ने परिवार को एक गंभीर आर्थिक स्थिति में डाल दिया.
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12 साल की उम्र में बदला करियर
इन कठिनाइयों के बावजूद आठ साल की छोटी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू करने वाली युवा भारद्वाज को मोहम्मद इसरार अंसारी से अमूल्य समर्थन मिला, जिन्होंने उनके शुरुआती क्रिकेट खर्चों को उठाया. महज 12 साल की उम्र में उन्होंने अपने छोटे कद के कारण शुरुआती संदेह को दूर करते हुए अंडर-19 ट्रायल के दौरान चयनकर्ताओं को प्रभावित किया. बीसीसीआई के एक चयनकर्ता के हस्तक्षेप से उन्होंने टीम में जगह बनाई. भारद्वाज का हालिया दोहरा शतक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.