घोड़ी पर चढ़कर गांव घूमने लगी दुल्हन, देखने वालों की उमड़ी भीड़, जानिए यूपी की इस घटना का पूरा माजरा

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घोड़ी पर चढ़कर गांव घूमने लगी दुल्हन, देखने वालों की उमड़ी भीड़, जानिए यूपी की इस घटना का पूरा माजरा

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के सिसवा बाजार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर पूरे कस्बे में घूम रही है. उसके आगे पीछे लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. जब से यह वीडियो सामने आया है लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. तो आगे आपको बताते हैं इस वीडियो के पीछे की पूरी कहानी.देश के अलग-अलग हिस्सों में शादियों के समय अलग-अलग रस्म निभाई जाती हैं. ऐसी ही एक रस्म होती है बिंदौरी. यह राजस्थान में काफी ज्यादा प्रचलित है. इस रस्म में दूल्हा घोड़ी पर चढ़ता है और उसे शहर में घुमाया जाता है. महाराजगंज जिले के सिसवा में भी एक शादी में बिंदौरी की रस्म निभाई गई जो अपनी खास वजह से चर्चा में आ गई है.घोड़ी पर सवार हो दुल्हन ने निभाई बिंदौरी की रस्ममहाराजगंज जिले के सिसवा बाजार के मारवाड़ी समाज ने इस बिंदौरी रस्म के पहल की शुरुआत की है. इस बिंदौरी के रस्म की एक बेहद खास बात रही जिसकी वजह से यह काफी चर्चा में है. हुआ कुछ यूं की यहां दूल्हे को नहीं बल्कि दुल्हन को घोड़ी पर सवार होकर घूमते हुए देखा गया. सिसवा कस्बे के चित्रगुप्त नगर वार्ड के रहने वाले सज्जन अग्रवाल की बेटी घोड़ी पर बैठी और बिंदौरी की रस्म निभाई गई. बेटा और बेटी को एक समान होने का संदेश देने के उद्देश्य से निधि अग्रवाल को घोड़ी पर बैठकर पूरे कस्बे का भ्रमण कराया गया. बिंदौरी के इस रस्म में डीजे और बैंडबाजे को भी देखा गया. ऐसा देखा जाता है कि इस रस्म में दूल्हे को घोड़ी पर बैठ कर घुमाया जाता है लेकिन यहां पर दुल्हन को घोड़ी पर बैठ कर घुमाया गया जो चर्चा का विषय बन गया.म्हारी छोरियां किसी छोरे से कम हैं केएक लंबे समय से ऐसा माना जाता रहा है कि इस रस्म में दूल्हे को ही घोड़ी पर चढ़ने का अधिकार है लेकिन अब माहौल बदलता नजर आ रहा है. जब हम देखते हैं तो आज के समय में लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से काम नहीं है बल्कि कई क्षेत्र तो ऐसे हैं जहां लड़कियां बेहद ही अच्छा काम कर रही हैं. फिल्मी स्टाइल में कहा जाए तो म्हारी छोरियां किसी छोरे से कम हैं के. एक छोटे से कस्बे में इस तरह के पहल की शुरुआत एक सकारात्मक सोच को प्रस्तुत करता है.FIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 21:24 IST

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