What Is Kawasaki Disease: मशहूर स्टैंड अप कॉमेडियन और बिग बॉस ओटीटी के विनर मुनव्वर फारूकी हमेशा लाइमलाइट में रहते हैं. सोशल मीडिया पर भी उनका बज़ बना रहता है. अब वो एक बीमारी की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि उनके बेटे मिकाइल को कावासाकी डिजीज थी, जिसके लिए उनके पास फाइनेंस भी नहीं था. ये एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम ज्यादातर लोगों ने नहीं सुना है और इसका खर्च भी बहुत ज्यादा आता है
मुनव्वर फारूकी ने बताया कि जब उनके बेटे को ये बीमारी हुई थी तब उनको 3 इंजेक्शन का इंतजाम करना था जिसकी कीमत तकरीबन 25 हजार रुपये थी. पैसों की तंगी के कारण वो बड़ी मुश्किल से इस परेशानी से बाहर निकल पाए. ये बीमारी कहीं आपके आसपास रहने वाले बच्चों को न हो जाए, इसलिए पैरेंट्स को थोड़ा अलर्ट रहना चाहिए और इसके लक्षणों को अर्ली स्टेज में पहचाना चाहिए.
कावासाकी डिजीज क्या है?कावासाकी डिजीज एक रेयर लेकिन गंभीर बीमारी है जो खास तौर से 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. इसमें पूरे शरीर में ब्लड वेसेल्स का सूजन हो जाता है, जिसमें दिल तक खून पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरीज भी शामिल हैं. जबकि कावासाकी बीमारी का सटीक कारणों का पता नहीं है, लेकिन माना जाता है कि इसमें जेनेटिक ससेप्टिबिलिटी और एनवायरनमेंटल ट्रिगर्स, जैसे इंफेक्शंस का कॉम्बिनेशन शामिल है.
कैसे पड़ा ये नाम?इस बीमारी को म्यूकोक्यूटेनियस लिम्फ नोड सिंड्रोम और इन्फैंटाइल पेरीआर्टराइटिस नोडोसा भी कहा जाता है. इसका सबसे पहले 1967 में डॉ. टॉमिसाकु कावासाकी (Dr. Tomisaku Kawasaki) ने वर्णन किया था, जिन्होंने जापान (Japan) के टोक्यो रेड क्रॉस मेडिकल सेंटर (Tokyo Red Cross Medical Center) में बच्चों में देखी गई एक खास बीमारी के 50 मामलों की रिपोर्ट की थी.
कावासाकी बीमारी के लक्षण
1. कावासाकी डिजीज अक्सर पांच दिनों से ज्यादा समय तक लगातार तेज बुखार से शुरू होता है.
2. लाल आखें, जिसे कंजक्टिवाइटिस या आंख आना भी कहते है, इसमें आंखे से डिस्चार्ज नहीं होता
3. शरीर पर दाने, अक्सर हाथों और पैरों की त्वचा छिल जाती है
4. सूजे हुए लिम्फ नोड्स, आमतौर पर गर्दन में नजर आते हैं
5. फटे होंठ और लाल, सूजी हुई जीभ, जिसे अक्सर ‘स्ट्रॉबेरी टंग’ कहा जाता है.
6. हाथों और पैरों की सूजन और वहां के एरिया का लाल होना
कावासाकी डिजीज
अगर इलाज न किया जाए तो कावासाकी बीमारी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिसमें कोरोनरी आर्टरीज में एन्यूरिज्म और लॉन्ग टर्म हार्ट डैमेज शामिल है. सौभाग्य से, समय पर उपचार के साथ – आमतौर पर अंतःशिरा इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) और एस्पिरिन के साथ ज्यादातर बच्चे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. हालांकि कुछ लोग लॉन्ग टर्म कार्डियोवेस्कुलर डिजीज का सामना कर सकते हैं, इसलिए उनकी सेहत पर लगातार नजर रखने की जरूरत पड़ती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.