महादेव के इस अनोखे मंदिर का अद्भुत है नजारा, यहां भगवान शिव की आरती में शामिल हो जाते हैं दर्जनों कुत्ते, जानें परंपरा

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महादेव के इस अनोखे मंदिर का अद्भुत है नजारा, यहां भगवान शिव की आरती में शामिल हो जाते हैं दर्जनों कुत्ते, जानें परंपरा

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसा मंदिर है. जहां भगवान की आरती करने के लिए मंदिर में कुत्ते आते हैं. मंदिर के घंटे के बजते ही मंदिर प्रांगण में कुत्ते एकत्रित होना शुरु हो जाते हैं. मंदिर में शिव की आराधना करने यहां दर्जनों कुत्ते एकत्र होते हैं. भगवान भोले नाथ का यह अनोखा मंदिर कहां स्थित है और कुत्ते इस मंदिर में आरती करने क्यों आते हैं. आइये जानते हैं इसकी खास वजह.

मंदिर में कुत्ते करते हैं आराधना 

मथुरा के ध्रुव घाट स्थित इस मंदिर में घंटों के बजते ही कुत्ते रोते हुए भगवान की आराधना करते हैं. जहां कुत्ते भगवान शंकर को मना रहे हैं. यह नजारा यहां आपको हर दिन देखने को मिल जाएगा. यहां आरती के समय भगवान शंकर की आराधना करने के लिए एक दर्जन से अधिक कुत्ते एकत्रित होते हैं.

इस मंदिर प्रांगण में कुत्ते घंटों की आवाज सुनते ही एकत्रित होना शुरू हो जाते हैं. यह नजारा देखकर आप दंग रह जाएंगे कि यहां इस मंदिर में आम लोगों के साथ-साथ कुत्ते भी भगवान शिव की आराधना करते हैं. उनकी आरती में शामिल होते हैं.

महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया

ध्रुव घाट स्थित महाकाल महादेव मंदिर के सेवायत पुजारी ओमप्रकाश पंडित जी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि यह मंदिर काफी प्राचीन है. यह ध्रुव घाट पर यमुना के किनारे बना हुआ है. मंदिर का जैसे ही घंटा बजाता है, तो आसपास के कुत्ते मंदिर में आकर इकट्ठे हो जाते हैं. जहां भगवान शिव की आराधना करते हैं. उनकी आरती तब तक खत्म नहीं हो जाती है, तब तक यह कुत्ते यहीं बैठकर खड़े होकर उनकी आराधना करते हैं.

यहां रोते हुए कुत्ते भगवान शिव को मनाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने बताया दर्जनों ऐसे कुत्ते हैं, जो आरती के समय सभी जगह से भाग कर यहां आते हैं. शिवजी से यह विनती करते हैं कि हमें पिछले जन्म के पाप से मुक्त करो और आगे का जन्म हमें मनुष्य का देना.

अंत्योष्टि की भस्म से होता है शिवलिंग का श्रृंगार 

पंडित ओमप्रकाश ने बताया कि यहां भगवान शिव को भस्म लगाई जाती है और भस्म यहां जिनका क्रिया कर्म होता है. भगवान शिव की विधि विधान से सेवा पूजा होती है और यहां पूजा के साथ-साथ भगवान का श्रृंगार भी किया जाता है. शिवलिंग पर त्रिपुंड तिलक भी लगाया जाता है. भगवान शंकर को उनकी मनपसंद चीजों को अर्पण किया जाता है, ताकि शंकर जी सब पर कृपा बरसाए रखें.
Tags: Local18, Mathura news, Religion, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 20:08 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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