भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि टीम इंडिया एडिलेड में होने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच के लिए अपनी Playing XI में दो बदलाव करेगी. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच से 6 से 10 दिसंबर तक एडिलेड में खेला जाएगा. यह डे-नाइट टेस्ट मैच होगा. यह मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे से खेला जाएगा. पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया था. भारत को शनिवार से कैनबरा के मनुका ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री XI के खिलाफ दो दिवसीय डे-नाइट प्रैक्टिस मैच खेलना है.
सुनील गावस्कर ने किया बड़ा दावा
कैनबरा में गुलाबी गेंद से खेला जाने वाला प्रैक्टिस मैच भारत के लिए काफी अहम है, क्योंकि एडिलेड में होने वाले डे-नाइट टेस्ट से पहले यह एकमात्र अभ्यास मैच होगा. कप्तान रोहित शर्मा के लिए यह ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे पर पहला मैच होगा, क्योंकि वह अपने बेटे के जन्म के कारण पर्थ में पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे. सुनील गावस्कर ने 7क्रिकेट से बात करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि दो बदलाव निश्चित रूप से होंगे, रोहित शर्मा और शुभमन गिल दोनों Playing XI में वापस आएंगे.’
Playing XI में होंगे ये बड़े बदलाव
एडिलेड में होने वाले डे-नाइट टेस्ट में रोहित शर्मा और शुभमन गिल प्लेइंग इलेवन में आते हैं, तो देवदत्त पडिक्कल और ध्रुव जुरेल को बाहर बैठना पड़ेगा. इसके अलावा केएल राहुल की बल्लेबाजी पोजीशन पर सभी की नजरें होंगी. सुनील गावस्कर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बैटिंग ऑर्डर में बदलाव होगा, जहां रोहित शर्मा केएल राहुल की जगह लेंगे, वहीं शुभमन गिल तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे, पडिक्कल और जुरेल टीम से बाहर जाएंगे, वहीं राहुल छठे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे.’
डिपार्टमेंट में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं
एडिलेड में होने वाले डे-नाइट टेस्ट के लिए स्पिन डिपार्टमेंट में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. एडिलेड में पिछली बार जब भारत ने साल 2020 में डे-नाइट टेस्ट खेला था तो उस मैच में दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में 45 रन पर 4 विकेट लिए थे. रविचंद्रन अश्विन ने इस दौरान स्टीव स्मिथ को भी आउट किया था. हालांकि सुनील गावस्कर की सोच बिल्कुल अलग है. सुनील गावस्कर ने कहा, ‘और एक अन्य बदलाव जो हो सकता है वह यह है कि वॉशिंगटन सुंदर की जगह रवींद्र जडेजा को लाया जाए.’ ऐसा इसलिए क्योंकि, पिंक बॉल टेस्ट में बल्लेबाजी महत्वपूर्ण हो जाती है और स्पिनरों का अक्सर उपयोग नहीं किया जाता है.