Bajrang Punia journey from wrestling to politics NADA ban won medals protested on the streets full life story | 7 साल में शुरू की रेसलिंग, पिता ने बेटे के लिए बदला शहर, ऐसा रहा है बजरंग पूनिया का सफर

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Bajrang Punia journey from wrestling to politics NADA ban won medals protested on the streets full life story | 7 साल में शुरू की रेसलिंग, पिता ने बेटे के लिए बदला शहर, ऐसा रहा है बजरंग पूनिया का सफर



Bajrang Punia Story: भारतीय रेसलिंग के दिग्गज खिलाड़ी बजरंग पूनिया का करियर लगभग समाप्त हो गया है. नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने उन्हें चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि बजरंग ने मार्च में हुए राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट देने से मना कर दिया था. इस प्रतिबंध के कारण बजरंग का कुश्ती करियर लगभग खत्म हो गया है. इतना ही नहीं, अगले चार साल तक वह विदेशों में भी कोचिंग नहीं दे पाएंगे.
अप्रैल में हुए थे निलंबित
नाडा ने टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया को डोप टेस्ट से इनकार करने के मामले में सबसे पहले 23 अप्रैल को निलंबित कर दिया था. इसके बाद, विश्व कुश्ती संघ (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था. हालांकि, बजरंग ने इस अंतिम निलंबन के खिलाफ अपील की और नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (एडीडीपी) ने 31 मई तक इसे रद्द कर दिया, जब तक कि नाडा ने आरोपों का नोटिस जारी नहीं किया था.
कांग्रेस में शामिल हुए
इसके बाद, नाडा ने 23 जून को बजरंग को नोटिस दिया. साथी पहलवान विनेश फोगाट के साथ बजरंग कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रभार दिया गया. बजरंग ने 11 जुलाई को एक लिखित दलील में आरोपों को चुनौती दी, जिसके बाद 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई. अब उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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7 साल की उम्र में शुरू की रेसलिंग
26 फरवरी, 1994 को जन्मे पुनिया हरियाणा के झज्जर जिले के खुदान गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने 7 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और उनके पिता खुद एक पहलवान थे. पिता ने ही इस खेल में उन्हें आगे बढ़न के लिए प्रोत्साहित किया. 2015 में उनका परिवार सोनीपत चला गया ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के क्षेत्रीय केंद्र में शामिल हो सकें. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारत के शीर्ष रेसलर्स में शामिल हो गए.
बजरंग का रिकॉर्ड
बजरंग पुनिया हरियाणा के रहने वाले एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं. वह वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 4 मेडल जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं. उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मैच जीतने के बाद अपनी लिस्ट में एक ओलंपिक मेडल जोड़ा. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को प्ले-ऑफ में 8-0 से हराकर अपना पहला ओलंपिक मेडल हासिल किया. वह पहली बार ओलंपिक में उतरे थे और उन्होंने देश का नाम रोशन कर दिया था.
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बजरंग की बड़ी उपलब्धियां
बजरंग ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियान गेम्स में गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप के 2018 और 2019 संस्करणों में सिल्वर और ब्रॉन्ज जीता था. वह टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आठ भारतीय पहलवानों में से एक थे. उन्होंने 2022 बेलग्रेद वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. इसके अलावा उसी साल बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने 2022 बोलाट तुर्लीखानोव कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफलता हासिल की थी.



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