अनसोल्ड होने के बाद पृथ्वी शॉ का ‘बंटाधार’, अब सचिन का मूल मंत्र आएगा काम, पूर्व सेलेक्टर ने दिखाया आईना

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अनसोल्ड होने के बाद पृथ्वी शॉ का 'बंटाधार', अब सचिन का मूल मंत्र आएगा काम, पूर्व सेलेक्टर ने दिखाया आईना



IPL Auction 2025: टीम इंडिया के बल्लेबाज आईपीएल 2025 ऑक्शन के बाद बड़ा मुद्दा साबित हुए. युवा खिलाड़ी के प्रदर्शन का ग्राफ इस कदर गिरा कि दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया. यहां तक किसी भी टीम ने इस प्लेयर में दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिसके बाद अब पूर्व सेलेक्टर ने उन्हें आईना दिखाने की कोशिश की. पृथ्वी दो दिन पहले एक यूट्यूब व्लॉग पर दिखाई दिए जहां उन्होंने सचिन तेंदुलकर से मिली सबसे अच्छी एक पंक्ति की सलाह के बारे में बात की थी.
क्या था सचिन का मूल मंत्र?
पृथ्वी ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर करण सोनावणे को उनके यूट्यूब चैनल ‘फोकस्ड इंडियन’ पर बताया कि सचिन ने उनसे कहा था, ‘अनुशासन प्रतिभा को मात देता है.’ पृथ्वी के लिए सोमवार का दिन मुश्किल रहा होगा क्योंकि जेद्दा में आईपीएल की बड़ी नीलामी में उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला. भारत की 2018 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान पृथ्वी को भारतीय क्रिकेट के अगले स्टार के रूप में देखा जा रहा था और छह सत्र पहले टेस्ट पदार्पण पर शतक लगाने के बाद उनसे उम्मीदें बढ़ गई थीं. लेकिन शायद अब वह समय आ गया है जब उन्हें तेंदुलकर की सलाह को महज शब्दों तक सीमित नहीं रहने देना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए.
दोनों बार नहीं मिला कोई खरीददार
नीलामी में पृथ्वी का नाम दो बार आया और 75 लाख रुपये के बेस प्राइज के बावजूद उनके लिए एक भी बोली नहीं लगी. एक टेबल पर सौरव गांगुली थे, दूसरी पर राहुल द्रविड़. आशीष नेहरा, पार्थिव पटेल, जस्टिन लैंगर, रिकी पोंटिंग, स्टीफन फ्लेमिंग और डेनियल विटोरी भी बोली लगाने के लिए सलाह दे रहे थे लेकिन पृथ्वी में किसी की भी दिलचस्पी नहीं थी.
पूर्व सेलेक्टर ने दिखाया आईना
पृथ्वी को करीब से देखने वाले एक पूर्व भारतीय चयनकर्ता ने पीटीआई से कहा, ‘पृथ्वी दिल्ली कैपिटल्स में रहे हैं। दिल्ली कैपिटल्स में ही उन्हें अपने अंडर-19 भारतीय कोच राहुल द्रविड़, रिकी पोंटिंग, सौरव गांगुली से बातचीत करने का मौका मिला था. मुंबई क्रिकेट में भी यह सभी को पता है कि तेंदुलकर ने भी उनसे बात की है। क्या ये दिग्गज मूर्ख हैं? क्या आपको उसमें कोई बदलाव दिखता है? अगर दिखता भी है तो वह स्पष्ट नहीं है.’



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