अधिक पढ़ेंनई दिल्ली. महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन की जीत तो लगभग तय हो गई है. वहीं अब सवाल उठ रहा है कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा? वहीं चुनाव से पहले जिस तरह से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की डिमांड थी और उम्मीदवारों से लेकर सीनियर नेता भी बंंटेंगे तो कटेंगे का नारा दोहरा रहे थे. वहीं नतीजों के बाद सभी नेताओं का रुख बदल गया है. देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी की जीत पर ट्वीट करके कहा है कि एक है तो सेफ है और मोदी है तो मुमकिन है. महाराष्ट्र की 288 सीटों के रुझानों में बीजेपी गठबंधन 214 पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस गठबंधन 65 सीटों पर आगे चल रही हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के उपचुनाव पर भी बीजेपी और योगी का जलवा बरकरार है. यूपी 9 सीटों के रुझानों में 7 पर बीजेपी आगे चल रही है तो 2 पर समाजवादी पार्टी आगे चल रही है. महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन की बढ़त पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ट्वीट करके कहा है कि महाराष्ट्र में ट्रेंड कर रहा है कि वोट जिहाद के विरूद्ध धर्मयुद्ध की विजयी दौड जारी है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हुआ. इसकी वजह से बीजेपी लोकसभा के जादूई आंकड़े से दूर रह गई हालांकि उसने सरकार बनाई लेकिन अपने सहयोगी दलों की मदद से. बीजेपी की लोकसभा चुनाव में हार की सबसे बड़ी वजह उनके कोर वोटर की दूरी और दूसरी बड़ी वजह उनके पड़ने वाले वोट इंडिया गठबंधन को जाना रहा. यही वजह है कि हरियाणा चुनाव से बीजेपी का फोकस अपने वोटर्स को दोबारा से एकजुट करना है जो 2014 और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में साथ था. हरियाणा में जिस वजह से बीजेपी की सत्ता में दोबारा से वापसी हुई उसी फॉर्मूले और नेता पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा फोकस किया. महाराष्ट्र में दोबारा वापसी और उत्तर प्रदेश चुनाव में खोई जमीन पाने के लिए बीजेपी ने सबसे ज्यादा फोकस योगी आदित्यनाथ पर किया. इसके साथ उनके बटेंगे तो कटेंगे के नारे का भी खूब इस्तेमाल दोनों चुनाव में किया. ये नारा हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में काम किया और उत्तर प्रदेश में भी प्रभावी रहा इसका पता तो थोड़ी देर में लग ही जाएगा. पोस्टल बैलेट पेपर्स की गिनती शुरू हो गई है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों और उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से साफ हो जाएगा कि भविष्य में बीजेपी की राजनीति में फोकस क्या होगा? क्योंकि हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद पार्टी के अंदर योगी आदित्यनाथ की पॉपुलैरिटी बढ़ी है और अगर यह महाराष्ट्र चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे पार्टी के फेवर में जाते हैं तो इससे कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कद जरूर बढ़ेगा. अब सबकी नजर इस पर है महाराष्ट्र में योगी आदित्यनाथ की 11 रैलियों का असर कितना रहा है.