पर्थ टेस्ट के पहले दिन लंच से पहले सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के डीआरएस फैसले पर आउट होने के संबंध में पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा कि राहुल को आउट देने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे. राहुल जब 26 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे तब ऑन-फील्ड अंपायर रिचर्ड कैटलब्रॉ ने उन्हें मिचेल स्टार्क की गेंद पर कॉट बिहाइंड की अपील पर नॉट आउट करार दिया था. ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू लिया और रिप्ले में जब गेंद बल्ले के करीब से गुजर रही थी तब स्निको में स्पाइक दिखाई दिया था, लेकिन उसी समय राहुल का बल्ला भी पैड से टकराया था.
पर्थ टेस्ट के दौरान अचानक आगबबूला हुए संजय मांजरेकर
थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने कैटलब्रॉ से अपना निर्णय पलटने के लिए कह दिया. इस निर्णय पर राहुल अपनी असहमति जताते हुए पवेलियन की ओर लौट गए और भारत के 47 के स्कोर पर चार विकेट गिर गए. मांजरेकर ने तकनीक का पूरा इस्तेमाल ना हो पाने का हवाला देते हुए कहा कि टीवी अंपायर को ऑनफील्ड अंपायर से उनका निर्णय पलटने के लिए नहीं कहना चाहिए था. मांजरेकर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘सबसे पहले तो मैं टीवी अंपायर को उपलब्ध कराई गई सुविधा से निराश हूं. उन्हें और सबूत मुहैया कराए जाने चाहिए थे.’
ये रही बड़ी वजह
मांजरेकर ने कहा, ‘सिर्फ कुछ एंगल के आधार पर मुझे नहीं लगता कि इतना महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाना चाहिए था. मेरा प्वाइंट यह है कि नेकेड आई से सिर्फ यही चीज नजर आ रही थी कि बल्ले का पैड से संपर्क हुआ था. इसके अलावा आपको किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए स्निको की ज़रूरत थी.’ मांजरेकर ने कहा, ‘इसलिए अगर बल्ले पर गेंद लगी थी तब जाहिर तौर पर स्निको पर एक और स्पाइक होना चाहिए था क्योंकि बिना किसी संदेह के दो घटनाएं हुई थीं. देखने में यह पूरी तरह से स्पष्ट था कि बल्ले और पैड का संपर्क हुआ है.’
‘बहुत ही खराब फैसला’
मांजरेकर ने कहा, ‘अगर स्पाइक उसका था तब बाहरी किनारा लगने के सवाल पैदा नहीं होता. अगर दो स्पाइक दिखाई देते तब यह कहा जा सकता था कि पहला स्पाइक बल्ले के गेंद पर लगने का था. ऐसे में यह टीवी अंपायर को उपलब्ध कराई गई खराब सुविधा से अधिक कुछ नहीं था.’ मांजरेकर ने कहा, ‘अगर दो स्पाइक नहीं थे तब फैसला बल्ले के पैड से टकराने के आधार पर ही लिया जाना चाहिए था. मेरे हिसाब से यह कुल मिलाकर खराब निर्णय था और इसके लिए ऑनफील्ड अंपायर को दोष नहीं दिया जा सकता. राहुल के लिए बुरा लगता है, पारी की शुरुआत करने में कितनी मेहनत लगती है और भारत के साथ साथ उनके ख़ुद के करियर के लिए यह कितना महत्वपूर्ण समय है.’
साइमन टॉफेल ने क्या कहा?
हालांकि पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल का मानना है कि गेंद का बल्ले से संपर्क हुआ था लेकिन चूंकि बल्ला भी पैड से टकराया होगा इसलिए ऐसी असमंजस की स्थिति पनपी होगी. चैनल सेवन पर टॉफेल ने कहा, ‘पहला टेस्ट होने के कारण अंपायर को कुछ कैमरा एंगल नहीं मिले, जिसकी मांग वह कर रहे थे. रिचर्ड इलिंगवर्थ को वहां कड़ी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन यह कैमरा एंगल मेरे लिए पर्याप्त है, इससे पता चल जाता है कि गेंद बल्ले पर लगी थी, इसके बाद पैड और बल्ले का संपर्क हुआ है. निर्णय लेते समय यह सबकुछ बड़ी स्क्रीन पर भी दिखता है. मुझे लगता है कि इसी वजह से केएल राहुल और रिचर्ड कैटलब्रॉ के मन में सवाल था. मुझे लगता है कि लंच ब्रेक के दौरान अंपायर रूम में उस संबंध में दिलचस्प चर्चा हुई होगी.’