सर्दी का मौसम बीपी के मरीजों के लिए आसान नहीं होता है. क्योंकि इन दिनों बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. दरअसल, ठंड के मौसम में टेंपरेचर में गिरावट की वजह से खून की नलियां सिकुड़ने लगती है, जिससे ब्लड सही तरह से फ्लो नहीं कर पाता है और गाढ़ा होने लगता है.
यह स्थिति हाई बीपी वाले मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि गाढ़ा खून आसानी से थक्का में बदल सकता है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है. ऐसे में सुरक्षित रहने के लिए क्या उपाय किए जाना जरूर है, यहां हम आपको बता रहे हैं-
ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण
इसके लक्षण प्रभावित क्षेत्र में सूजन, लालिमा और कोमलता से लेकर धड़कन का तेज होना, सीने में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ या पेट में दर्द तक हो सकते हैं.
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क्या करें हाई बीपी के मरीज?
– उच्च रक्तचाप के मरीजों को अपने बीपी को कंट्रोल रखने के लिए नियमित रूप से दवाइयां लें. डॉक्टर के साथ नियमित चेकअप करना आवश्यक है ताकि बीपी की स्थिति पर निगरानी रखी जा सके.
– ठंड से बचने के लिए ऊनी और गर्म कपड़े पहनें. इससे शरीर का तापमान सामान्य रहेगा और रक्त वाहिकाओं में संकुचन कम होगा.
– सर्दियों में शारीरिक गतिविधि कम नहीं करनी चाहिए. हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग या योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होगा और खून का गाढ़ा होना रोका जा सके.
– सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी वायरल बीमारियों का प्रभाव ब्लड प्रेशर पर पड़ सकता है. ऐसे में अपने शरीर को ठंड से बचाएं और फ्लू से बचाव के उपायों का पालन करें.
– सर्दियों में नमक का सेवन बढ़ जाता है, जो बीपी को बढ़ाता है. हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को नमक के सेवन में कमी रखनी चाहिए. इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.