खसरा श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारी है, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलती है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर पर दाने होना शामिल हैं. यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि दुनिया भर में खसरे के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है. विशेष रूप से, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.
WHO और CDC ने कहा कि वैश्विक स्तर पर खसरे की महामारी में वृद्धि का कारण कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, टीकाकरण कार्यक्रमों में व्यवधान और परिवारों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में कमी है. यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है क्योंकि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक और जानलेवा रोग है, जो बच्चों में गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है.
खसरा: एक खतरनाक रोग
खसरे के वायरस से संक्रमित बच्चों को निमोनिया, दस्त, मस्तिष्क की सूजन (एन्सेफलाइटिस), और यहां तक कि मौत का भी खतरा हो सकता है. हालांकि खसरे का टीका उपलब्ध है, लेकिन कई देशों में इसके टीकाकरण अभियान में कमी आ गई है, जिससे यह बीमारी तेजी से फैल रही है.
बच्चे खतरे में क्यों?
WHO और CDC की रिपोर्ट के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे खसरे के सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं. दरअसल, बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है, जिससे वो इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं.
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वैश्विक स्थिति में चिंताजनक वृद्धि
2023 के शुरुआती महीनों में खसरे के मामलों में वैश्विक स्तर पर 80 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई. WHO ने बताया कि खसरे के मामलों में इस वृद्धि का मुख्य कारण टीकाकरण कवरेज में कमी आना है.
बचाव के उपाय
खसरे से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है. WHO और CDC ने सभी देशों से अनुरोध किया है कि वे अपनी आबादी को खसरे के खिलाफ टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराएं. विशेष रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खसरे का टीका दिया जाना चाहिए.
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