IPL 2025 के लिए खिलाड़ियों का मेगा ऑक्शन 24 और 25 नवंबर को साऊदी अरब के जेद्दा में होगा. इस बार कुल 574 खिलाड़ियों की किस्मत का फैसला इन 2 दिनों में होगा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने शुक्रवार को 1574 खिलाड़ियों की शुरुआती लिस्ट को घटाकर 574 कर दिया, जिनमें से 366 भारतीय और 208 विदेशी क्रिकेटर हैं. भारत का एक क्रिकेटर ऐसा है जो आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रह सकता है. IPL की सभी 10 टीमों के मालिक जब मेगा ऑक्शन में मौजूद रहेंगे तो इस खिलाड़ी पर कोई भी दांव नहीं लगाना चाहेगा.
हर हाल में खत्म होगा इस खिलाड़ी का IPL करियर?
इंटरनेशनल क्रिकेट की तरह मनीष पांडे का IPL करियर भी खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है. पिछले कई IPL सीजन से मनीष पांडे का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. IPL 2024 में मनीष पांडे ने सिर्फ एक मैच खेला, जिसमें उन्होंने 42 रन बनाए. IPL 2023 में मनीष पांडे ने 10 मैचों में 17.78 की बेहद खराब औसत से 160 रन ही बनाए. IPL 2022 में मनीष पांडे ने 6 मैचों में 14.67 की खराब औसत से 88 रन बनाए थे. मनीष पांडे ने सीजन दर सीजन लगातार मिल रहे सुनहरे मौकों को बुरी तरह बर्बाद किया है. मनीष पांडे को IPL 2025 की नीलामी में कोई भी टीम अपने साथ जोड़ना नहीं चाहेगी.
गुजर गए मनीष पांडे के सुनहरे दिन
मनीष पांडे ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ की थी. साल 2009 में वह आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे. मनीष पांडे ने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 73 गेंदो में नाबाद 114 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान उनके बल्ले से 10 चौके और चार छक्के निकले थे. तब अनिल कुंबले आरसीबी के कप्तान थे. मनीष पांडे ने अपने आईपीएल करियर में अभी तक 171 मैचों में 29.17 की औसत से 3850 रन बनाए हैं.
खत्म हो चुका इंटरनेशनल करियर
मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए अब तक 39 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने की 44.31 औसत और 126.15 की स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए. मनीष पांडे कभी कंसिसेटेंट नहीं रहे और यही वजह है कि उनका टीम इंडिया में आना और जाना लगा रहा. अब लगता नहीं कि वो कभी वापसी कर पाएंगे. इस खिलाड़ी को एक वक्त पर टीम इंडिया का भविष्य माना जाता था, लेकिन इनका बल्ला ज्यादातर शांत रहा. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू किया था. उन्होंने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत पक्की की. लेकिन इसके बाद वो टीम इंडिया से लगातार अंदर बाहर होते रहे. इंजरी ने भी उनसे कई बड़े मौके छीने. शानदार शुरुआत को वो बड़े करियर में तब्दील नहीं कर सके.