प्रसाद-अगरबत्ती नहीं…इस चमत्कारी मंदिर में नींबू-मिर्च और बैंगन चढ़ा रहे हैं लोग, आखिर क्या है वजह?  

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प्रसाद-अगरबत्ती नहीं...इस चमत्कारी मंदिर में नींबू-मिर्च और बैंगन चढ़ा रहे हैं लोग, आखिर क्या है वजह?  

Kundeshwar Shiva Temple Etawah: अमूमन भगवान की आराधना के लिए अगरबत्ती और फूल जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इटावा मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित मंदिर में लोग नींबू, मिर्च और बैंगन चढ़ाते हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ शिवलिंग पर नींबू, मिर्च और बैंगन जैसे फलों को चढ़ाने में जुटी हुई है. इस मंदिर का नाम है कुंडेश्वर मंदिर.

कुंडेश्वर मंदिर की अनोखी मान्यता मंदिर से जुड़े हुए लोगों का मानना है कि अमूमन ऐसा देखा जाता है शिवभक्त पूजा सामग्री के रूप में अगरबत्ती और फूल का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यहां ऐसा देखा जा रहा है कि शिवभक्त नींबू मिर्च और बैंगन जैसे फलों का भी प्रयोग कर रहे हैं. इसको लेकर के ऐसा माना जा रहा है कि जिन किसानों के खेतों में यह फल पैदा हो रहे हैं, वह भगवान को खुश करने के लिए शिवलिंग पर नींबू मिर्च और बैंगन आदि को चढ़ा रहे हैं.

बहुत चमत्कारी है शिवलिंग मुगल काल में इस मंदिर ने मुगलिया शासको का कहर भी झेला है, मुगल शासको ने इस मंदिर को अपने आतंक का परिचय देते हुए चलते पूरी तरह नेस्तनाबूत भी कर दिया. लेकिन शिवलिंग को उखाड़ने में कामयाब नहीं हुए. कुंडेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसका कोई स्रोत नहीं है. कितनी गहराई इस शिवलिंग की है, यह भी किसी को नहीं पता है. लोग शिवलिंग को चमत्कारी बताते हैं.

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जुड़ी है पुरानी परंपरा कुंडेश्वर मंदिर के बारे में एक परंपरा यह भी कही जाती है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े पैमाने पर लोग शादी विवाह समारोह के बाद दूल्हे के मुकुट इसी मंदिर में बने हुए तालाब में प्रवाहित करने के लिए पहुंचते हैं. इसीलिए तालाब के आसपास बड़े पैमाने पर मुकुट भी पड़े नजर आते हैं.

बचपन से कुंडेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आने वाली श्रीमती प्रीति ऐसा मानती हैं कि भगवान शिव की आराधना करने के लिए शिव भक्तों को कोई संदेश नहीं दिया जाता है. जिसका जैसा मन करता है, वो वैसे यहां पूजा कर सकता है.
Tags: Dharma Aastha, Local18FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 15:53 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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