वसीम अहमद /अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की काली नदी का पानी कभी पीने के काम में आता था. इसी पानी से किसान सिंचाई करते थे. लोग कपड़े धोते थे. लेकिन आज इस नदी का पानी छूने काबिल भी नहीं रह गया है. पानी पूरी तरह काला हो चुका है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग के मुताबिक इस समय इस नदी का ऑक्सीजन स्तर शून्य है. इससे जलीय जीवों पर भी संकट है. मुजफ्फरनगर के गांव अंतवाड़ा से निकली यह नदी अलीगढ़ होते हुए कन्नौज में जाकर गंगा में मिलती है. इस नदी के पानी से गंगा भी दूषित हो रही है.
दरअसल यह नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद होते हुए कन्नौज में गंगा में जाकर मिलती है. इस बीच न जाने कितने नालों और 100 से अधिक फैक्टरियों का दूषित पानी इस नदी में गिरता है. इसके दूषित पानी के कारण आसपास के कई गांवों में पीने का पानी तक खराब हो चुका है. कई गांवों में इस पानी से बीमारी फैल रही है.
अलीगढ़ जिले के 12 गांव से गुजरती है यह काली नदी. काली नदी गाजीपुर, ग्वालरा, भवनगढ़ी, चेढ़ौली, खेड़ा, कलाई, मीरपुर का नगला, सिल्ला, विसावलपुर, बरानदी, धरमपुर का नगला और पौथी से होकर गुजरती है.
जानकारी देते हुए एएमयू रसायन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अनामिका गुप्ता ने बताया कि नदियों में औद्योगिक और घरेलू कूड़ा-कचरा पानी में क्रोमियम, लेड, आर्सेनिक, कॉपर, जिंक, आयरन जैसे भारी तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है. प्रदूषित पानी से जलीय जीवन बुरी तरह से प्रभावित होते हैं. मछली मरने लगती हैं, अच्छे वैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं. एएमयू प्रोफेसर अनामिका गुप्ता ने बताया कि पानी में आक्सीजन के कम हाने से नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. नदियों में जलीय जीव, शैवालों की संख्या काफी कम हो जाती है, जिससे जलीय जीव जीवित नहीं रह पाते.
एएमयू की प्रो अनामिका गुप्ता ने कहा कि क्रोमियम की अधिक मात्रा कैंसर का कारण बनती है. इसकी मात्रा आधिकतम 0.5 एमजी प्रति लीटर होना चाहिए, लेकिन यह 2.5 एमजी प्रति लीटर तक बढ़ गया है. यह शरीर के पाचन तंत्र व किडनी को भी खराब करता है. इसके अलावा अन्य केमिकल भी शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे पानी में स्नान करने से विभिन्न तरह के रोग हो सकते हैं. यहां तक की इसमें नहाने वाले जानवरों को भी बीमारियां घेर सकती हैं. इसका पानी अगर जानवर भी पीएंगे, तो उनके विकास में बाधा आ सकती है और बीमारियां पैदा हो सकती हैं. पानी में घुलित ऑक्सीजन जितनी ज्यादा होती है, उतना शुद्ध माना जाता है.
जानकारी देते हुए अलीगढ़ के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि काली नदी की स्थिति काफी खराब है. जांच में पता चला है कि नदी के पानी में आक्सीजन का स्तर भी शून्य हो चुका है. नदी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर शिकंजा कसा जाएगा.
Tags: Aligarh news, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 09:41 IST