वसीम अहमद /अलीगढ़.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे को बरकार रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. संविधान पीठ ने फैसला लिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक वाला दर्जा बरकरार रहेगा. संविधान पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सहित सात जजों की बेंच थी. इस बेंच के तीन जज फैसले के खिलाफ थे. सीजीआई डी. वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा का इस पक्ष में बहुमत का फैसला है. वहीं जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा का असहमति का फैसला है.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के एमआईसी मोहम्मद असीम सिदक्की ने जानकारी देते हुए बताया कि यह जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. इस फैसले का हम वेलकम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले को हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं. इस जजमेंट को पूरा पढ़ने के बाद ही विस्तार से इस बारे में जानकारी दी जा सकती है. फिलहाल मैं इतना ही कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हक में फैसला दिया है, वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए खुशी की बात है. यूनिवर्सिटी में खुशी का माहौल है. साथ ही आपको बता दूं कि यूनिवर्सिटी नॉर्मल चल रही है, क्लासेस रोज की तरह चल रहे हैं. यह फैसला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए और हम सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला है. इस फैसले के आने के बाद हम सभी ने राहत की सांस ली है. न्यायालय पर हमारा हमेशा से भरोसा रहा है और हमें पूरा भरोसा था कि फैसला यूनिवर्सिटी के हक में ही आएगा इस फैसले से पूरी यूनिवर्सिटी बिरादरी में बेहद खुशी का माहौल है.FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 12:37 IST