अस्थमा के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण के हाई लेवल वाले दिनों में एक्स्ट्रा सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि खराब वायु गुणवत्ता (poor air quality) उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. सबसे पहले, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का नियमित रूप से मॉनिटर करना महत्वपूर्ण है. AQI 200 से ऊपर पहुंचने पर बाहर के कामों को सीमित करें, जबकि 300 या 400 से ऊपर के लेवल पर सभी को जितना संभव हो, घर के अंदर ही रहना चाहिए.
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (साकेत, दिल्ली) के वाइस चेयरमैन और हेड ऑफ पल्मोनोलॉजी डॉ. विवेक नांगिया ने बताया कि सुबह के समय बाहर जाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि उस समय धुंध के कारण प्रदूषण का लेवल अधिक होता है. अस्थमा के मरीजों को इस समय के दौरान बाहर जाकर व्यायाम करने से बचना चाहिए. वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. हिंदोल दासगुप्ता बताते हैं कि प्रदूषण आमतौर पर सुबह और शाम को ज्यादा होता है. इन समयों पर घर के बाहर व्यायाम से बचें और यदि व्यायाम करना हो, तो इसे दिन के बाद के हिस्से में करें.
N95 मास्क पहनेंअस्थमा मरीजों को खास तौर पर मास्क पहनने की सलाह दी जाती है, खासकर N95 मास्क, जो छोटे कणों को फिल्टर करने में सक्षम है और प्रदूषक तत्वों के संपर्क को कम करता है. इसके अलावा, डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी दवाओं और इनहेलर का नियमित और समय पर उपयोग सुनिश्चित करें. यदि नाक की एलर्जी है, तो डॉक्टर द्वारा निर्देशित नाक स्प्रे का भी प्रयोग करें.
वातावरण को स्वच्छ बनाएसेहत की दृष्टि से, अपने वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें. घर के अंदर एक साफ-सुथरा वातावरण बनाए रखना और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने से अंदर की एयर क्वालिटी में सुधार हो सकता है. इसके साथ ही, धूम्रपान, धूल और अन्य प्रकार के वायु प्रदूषण से यथासंभव दूर रहें. एक बैलेंस डाइट और पर्याप्त पानी पीना अस्थमा के मरीजों की इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं. फल और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को प्रदूषण से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं..
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.