सुल्तानपुर : सुल्तानपुर जनपद में खरीफ की फसल अब कटने के लिए तैयार है और रवि की खेती के लिए बीज खेतों में बोए जा रहे हैं. जिसमें आलू भी रवि की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है और इसकी भी बुआई शुरू हो गई है, लेकिन ऐसे में जानने के लिए यह जरूरी हो जाता है कि आलू के दो बीजों के बीच की मानक दूरी कितनी होनी चाहिए. जिससे पौधे सुचारू रूप से विकसित हो सकें. तो आईए जानते हैं आलू बोने का सही तरीका क्या है और उच्चतम पैदावार के लिए आलू के दो बीजों के बीच की मानक दूरी क्या होनी चाहिए.आलू के लिए होनी चाहिए यह जलवायुकृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डॉ जे.बी. सिंह ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि आलू की अच्छी पैदावार के लिए मध्यम शीत और छोटे दिनों की आवश्यकता होती है. क्योंकि अक्टूबर से मार्च तक रात लंबी तथा चमकीले छोटे दिन आलू बनने और बढऩे के लिए बेहतर होते हैं. आलू की वृद्धि के लिए उपयुक्त तापमान 15- 25 डिग्री सेल्सियस के मध्य होना चाहिए. वहीं अंकुरण के लिए लगभग 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है.दो बीजों के बीच रखें इतनी दूरीकृषि वैज्ञानिक ने बताया कि आलू के दो पौधों के बीच की दूरी 20 सेमी तथा दो कतर के बीच 60 से 65 सेमी की दूरी रखनी चाहिए. इससे आलू को मिट्टी में विकसित होने का पूरा अवसर मिलता है और पौधे भी बेहतर तरीके से विकसित हो पाते हैं. इसके अलावा ढाई सौ से 300 कुंतल प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद आलू के लिए किसानों को उपयोग करना चाहिए.इस तरीके से तैयार करें खेतआलू की खेती करने से पहले किसानों को अपना खेत वैज्ञानिक विधि से तैयार करना चाहिए. इसके लिए खेत की पहली जुताई जहां मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. तो वहीं दूसरी और तीसरी जुताई देसी हल अथवा हैरों से करनी चाहिए. अगर खेती में ढेला हो तो सरावन चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। इसके अलावा बुवाई के समय भूमि में पर्याप्त नमी भी होनी आवश्यक है। इसके साथ ही एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार ही रासायनिक खाद का उपयोग करना चाहिए.FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 13:00 IST