बहराइच: दिलीप कुमार एक युवा किसान, ने अपने संघर्ष और मेहनत से न केवल खेती की दुनिया में कदम रखा, बल्कि अपने जीवन में कई सपनों को भी पूरा किया. पिता के निधन के बाद, दिलीप अकेले पड़ गए और यह सोचने लगे कि वे अपने खर्चों को कैसे संभालेंगे और अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे.
पिता के चले जाने के बाद दिलीप को जीवन की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि किस दिशा में बढ़ें. कई लोगों ने बाहर जाकर कमाई करने की सलाह दी, जबकि कुछ ने रैली और पटरी ठेला लगाने का सुझाव दिया. लेकिन दिलीप ने एक अलग रास्ता चुना. उन्होंने सोचा कि क्यों न गांव में ही किराए की खेती शुरू की जाए. उन्होंने किराए पर जमीन लेकर खेती की शुरुआत की. इस निर्णय ने उनकी जिंदगी में बदलाव ला दिया.
खेती से सफलताकिराए की खेती से दिलीप ने धीरे-धीरे लाभ कमाना शुरू किया. उनकी मेहनत और लगन से फसलें अच्छी होने लगीं, जिससे उन्हें आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिला. दिलीप ने खेती से मिली आय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने शादी की और एक दो पहिया वाहन खरीदा. उन्होंने कुछ जमीन भी खरीदी, जिससे उनकी स्थायी आय का एक स्रोत बन गया.
किराए की खेती का मॉडलकिराए की खेती में जमीन को किराए पर देने के समय किराएदार के साथ हिस्सेदारी तय की जाती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि खेती से होने वाले लाभ और हानि में दोनों पक्ष बराबर के हिस्सेदार होते हैं. जनवरी में जमीन किराए पर देने के लिए अनुबंध की प्रक्रिया शुरू होती है. अप्रैल में जमीन किराएदार को सौंप दी जाती है, और उसके बाद सभी देखरेख और खेती का कार्य किराएदार ही करता है.
Tags: Bahraich news, Local18FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 13:17 IST