लखीमपुर खीरी: दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में जिमीकंद की डिमांड अधिक हो गई है. जिमीकंद की खेती करने से किसानों को लाखों रुपए का फायदा हो रहा है. जिमीकंद इस समय बाजारों में₹60 से लेकर ₹80 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. जिमीकन्द की खेती करने के लिए अधिक पैसों की आवश्यकता नहीं होती है और न ही आवारा जानवर इस फसल को बर्बाद करते हैं. यूपी के लखीमपुर जिले के किसान अंचल मिश्रा जानकारी देते हुए बताते हैं जिमीकन्द की खेती करने अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की अधिकांश आबादी खेती पर ही निर्भर है. यूपी में भी यही स्थिति है. यही वजह है कि यहां बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. पहले किसान पारंपरिक फसलों को ज्यादा महत्व देते थे. वहीं अब किसान धीरे-धीरे अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसी ही एक फसल जिमीकंद की है. इस फसल को उत्तर भारत के कई राज्यों में ओल भी कहा जाता है. जिमीकंद कम लागत में तैयार होने वाली फसल है. जिमीकंद की खेती करना भी बेहद आसान है. इसकी खेती के लिए सही मिट्टी का चयन बेहद जरूरी है. जिमीकंद की खेती के लिए रेतीली दोमट प्रकार की मिट्टी की तालाश करनी चाहिए.जिमीकंद की खेती करने के लिए सबसे अच्छी प्रजाति गजेन्द्र वन ही है. जिमीकंद सिर्फ सब्जी ही नहीं औषधीय भी है. वहीं दीपावली के पर्व पर बाजारों में जिमीकंद की डिमांड अधिक होती है. जिमीकंद कम लागत में तैयार होने वाली फसल है. जिमीकंद की खेती करना भी बेहद आसान है. इसकी खेती के लिए सही मिट्टी का चयन बेहद जरूरी है. किसानों के लिए जिमीकंद की खेती के लिए रेतीली दोमट प्रकार की मिट्टी की तालाश करनी चाहिए.FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 10:07 IST