कानपुर: देश में दीपावली के त्यौहार की धूम शुरू हो गई है. दीपावली के त्यौहार में लोग पूजन में तरह की सामग्री का इस्तेमाल करते हैं. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को मिठाइयों के साथ-साथ लाई, खील, गट्टे, खिलौने का भी भोग लगाया जाता है. कानपुर में मीठे के खिलौने का व्यापार लगभग 250 साल पुराना है. यहां पर कई पीढ़ियां इसको बना रही हैं और कानपुर से यह खिलौने पूरे प्रदेश में जाते हैं. कभी अंग्रेज भी इन खिलौनों के बेहद दीवाने थे.
250 साल पुराना है यह बाजार
कानपुर देश के पुराने और ऐतिहासिक शहरों में से एक है. यहां की बाजारें भी बेहद पुरानी हैं. कानपुर की हुलागंज बाजार की बात की जाए, तो यह लगभग 250 साल पुरानी है और लंबे समय से यहां पर शक्कर से खिलौने तैयार किए जाते हैं. यह खिलौने खाने में बेहद स्वादिष्ट होते हैं और दीपावली पर उनकी मांग पूरे देश भर में रहती है. इन खिलौनों में चिड़िया, हाथी, घोड़ा समेत कई तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं.
अंग्रेज भी थे इसके दीवाने
जब देश में अंग्रेजों का राज था. तब भी यह बाजार यहां पर लगती थी और यहां खिलौने तैयार होते थे. अंग्रेज भी बेहद चाव के साथ इसे खाते और इसके बारे में जानकारी जुटाने के लिए आते थे कि आखिर मीठे शक्कर से यह चिड़िया, घोड़े हाथी, मगरमच्छ क्यों बनाए जाते हैं. तब लोग बताते हैं कि हमारे यहां प्रकृति से प्रेम लोगों को अधिक है इसी वजह से मीठी चक्कर से यह खिलौने में भी प्रकृति का प्रेम दिखाई देता है.
वहीं, यह मिठाई खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है. जिस वजह से अंग्रेजों को भी यह बेहद पसंद आती थी. दीपावली के वक्त ही यह मिठाई अधिक बनाई जाती है. इसलिए दीपावली के समय अंग्रेज यहां से बड़ी संख्या में यह खिलौने खरीद कर ले जाते थे.
Tags: Diwali Food, Kanpur news, Local18FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 08:14 IST