गाजियाबाद कोर्ट में आखिर हुआ क्‍या था, जो इतना बवाल मच गया, वकीलों ने पुलिस चौकी तक जला दी?

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गाजियाबाद कोर्ट में आखिर हुआ क्‍या था, जो इतना बवाल मच गया, वकीलों ने पुलिस चौकी तक जला दी?

गाजियाबाद : गाजियाबाद जिला अदालत में मंगलवार को वकीलों और पुलिसवालों के बीच जमकर झड़प हो गई, जिसमें कथित तौर पर कुछ वकील घायल हो गए और पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई. घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गए. इसमें अदालत परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प होती दिखाई दे रही है. खूब मारपीट भी हुई. CRPF तक कोर्ट में तैनात करनी पड़ी. सभी जानना चाहते हैं कि बात आखिर कहां से शुरू हुई जो इस कदर बढ़ गई कि मेरठ तक हंगामा होने लगा. आइये जानते हैं…

दरअसल, गाजियाबाद में राज नगर इलाके में सुबह करीब 11 बजे जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के अंदर एंटीसिपेटरी बेल के एक मामले की सुनवाई को लेकर जिला जज अनिल कुमार और वकीलों के बीच बहस के बाद अफरा-तफरी मच गई. गाजियाबाद के पुलिस कमिश्‍नर अजय कुमार मिश्रा ने बताया, ‘‘वकीलों के एक समूह ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश पर दबाव डालने की कोशिश की और हमला करने का प्रयास किया.’’ मिश्रा ने कहा कि बाद में एक स्थानीय पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई.

एक अधिवक्ता ने नाम न बताने की शर्ता पर बताया कि वकीलों के एक ग्रुप ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार से अग्रिम जमानत के एक मामले की प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने की मांग की. इससे उन्‍होंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि मामले की सुनवाई संख्या के अनुसार की जाएगी.

उन्होंने दावा किया, ‘‘इस पर वकीलों के एक समूह ने जिला न्यायाधीश के खिलाफ नारेबाजी की. मामला तब बिगड़ गया जब अदालती कार्यवाही बाधित हुई और न्यायाधीश ने पुलिस को बुलाया. पुलिस ने अदालत कक्ष में पहुंचकर लाठियां बरसाईं, जिससे 12 से अधिक वकील घायल हो गए.’’

इस बीच, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने घटना की शिकायत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मंगलवार सुबह 11 बजे वकील जितेंद्र सिंह और अभिषेक यादव अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए अदालत पहुंचे.

उन्होंने बताया कि अदालत में भीड़भाड़ होने के कारण वकीलों ने जिला न्यायाधीश से प्राथमिकता के आधार पर दलीलें सुनने या मामले को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर करने का आग्रह किया.

यादव ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी शिकायत में आरोप लगाया, ‘‘जिला न्यायाधीश ने अपना आपा खो दिया. वह अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और अपना कोट, गाउन उतार दिया तथा वकीलों को अपशब्द कहे.’’

इसमें कहा गया, ‘‘जिला न्यायाधीश ने पुलिस बल को बुलाया. डीसीपी (सिटी जोन) राजेश कुमार सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त (कविनगर) अभिषेक श्रीवास्तव की मौजूदगी में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके कारण 12 से अधिक वकील घायल हो गए.’’

उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को तुरंत सिक्‍योर रखने की भी मांग की, ताकि पूरा घटनाक्रम सफ हो सके. शिकायत पर आठ वकीलों के हस्ताक्षर हैं.

गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने व्हॉट्सएप पर दिए बयान में कहा, ‘‘वकील नाहर सिंह यादव (बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजवादी पार्टी के एक नेता), वकील अभिषेक यादव, वकील औरंगजेब खान, वकील बिलाल अहमद ने अपने साथी वकीलों के साथ जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश पर दबाव बनाने की कोशिश की और हमला करने की कोशिश की.’’

पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘पुलिस ने उचित हस्तक्षेप किया और हल्का बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर किया. इस बीच, वकीलों के एक ग्रुप ने पुलिस चौकी में आग लगा दी.’’

वीडियो में दिख रहा है कि कुछ पुलिसकर्मियों के हाथों में डंडे हैं. एक पुलिसकर्मी को लड़ाई में शामिल दूसरे पक्ष पर हमला करने के लिए हवा में कुर्सी पकड़े हुए भी देखा गया. एक वकील के सिर पर कथित तौर पर चोट के निशान भी देखे गए.
Tags: Ghaziabad News, Ghaziabad PoliceFIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 19:00 IST

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