भारत और चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल 2025 में खेल जारी रखने का संकेत देते हुए कहा कि वह खिलाड़ी के तौर पर अपने आखिरी कुछ वर्षों में जो भी क्रिकेट खेल रहे हैं उसका लुत्फ उठाना चाहते हैं. धोनी ने पिछले सीजन में रुतुराज गायकवाड़ को कप्तानी सौंपने के बाद काफी निचले क्रम में बल्लेबाजी की थी. इससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थी.
अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर खेलेंगे धोनी!
आईपीएल में सभी फ्रेंचाइजी को मेगा नीलामी से पहले 31 अक्टूबर तक अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची जमा करनी होगी. इस साल सीएसके द्वारा धोनी को एक अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बरकरार रखा जा सकता है. ईएसपीएनक्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के मुताबिक धोनी ने गोवा में कुछ दिन पहले आयोजित एक प्रचार कार्यक्रम में कहा, ‘मैं अपने आखिरी कुछ वर्षों में जो भी क्रिकेट खेल सका हूं उसका आनंद लेना चाहता हूं.’
बचपन की तरह आनंद लेना चाहते हैं धोनी
धोनी ने कहा, ‘मैं खेल का वैसे ही आनंद लेना चाहता हूं जैसे कि बचपन में हम शाम चार बजे बाहर जाते थे और खेलते थे. बस खेल का आनंद लेते थे. जब आप खेल को प्रोफेशनल तौर पर खेलते हैं तो कई बार उसका लुत्फ उठाना मुश्किल हो जाता है. मैं जो भी करता हूं उसमें भावनाएं और प्रतिबद्धताएं जुड़ी होती हैं, लेकिन मैं अगले कुछ वर्षों तक खेल का आनंद लेना चाहता हूं.’ पिछले सप्ताह चेन्नई सुपरकिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कासी विश्वनाथन ने भी कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि धोनी आगामी सीजन में खिलाड़ी के तौर पर टीम का हिस्सा होंगे.
निचले क्रम में बल्लेबाजी करने पर भी बोले
धोनी ने 2023 में बाएं घुटने की सर्जरी कराने के बाद 2024 के आईपीएल सीजन के दौरान निचले क्रम में बल्लेबाजी की. भारत के पूर्व कप्तान ने बताया कि यह निर्णय मुख्य रूप से टी20 विश्व कप से पहले युवा भारतीय खिलाड़ियों को मैदान में समय बिताने का मौका देने के लिए किया गया था. धोनी ने कहा, ‘मेरी सोच सरल थी. अगर अन्य लोग अपना काम अच्छा कर रहे हैं तो मुझे ऊपरी क्रम में आने की जरूरत क्यों है.’
‘मैं जो कर तरह था…’
धोनी ने कहा, ‘अगर आप विशेष रूप से पिछले साल के बारे में बात कर रहे हैं, तो टी20 विश्व कप टीम की घोषणा जल्द ही होने वाली थी. इसलिए हमें उन लोगों को मौका देना होगा राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में थे.’ भारत के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘हमारी टीम (सीएसके) में (रविंद्र) जडेजा और शिवम दुबे जैसे खिलाड़ी थे जिन्हें भारतीय टीम में आने के लिए खुद को साबित करने का मौके चाहिये थे. मेरे लिए इसमें कुछ भी नहीं था, कोई चयन नहीं और अन्य चीजें. इसलिए मैं (निचले क्रम में खेलते हुए) अच्छा हूं और मैं जो कर रहा था उससे मेरी टीम खुश थी.’