आगरा: यमुना नदी की सफाई, डिसिल्टिंग और ताजमहल की मजबूती को लेकर आईआईटी रुड़की ने एक चौंका देने वाली रिपोर्ट पेश की है. साल 2019 में आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसमें ताज महल के आसपास और यमुना नदी की 5 से 6 मी तक डिसिल्टिंग करने की मांग की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 2024 में पुनः सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि यमुना की डिसिल्टिंग कराई जाए. इस पर राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि अगर यमुना की 5 से 6 मी डिसिल्टिंग कराई जाती है तो यह ताजमहल और यमुना नदी पर बने पुलों के लिए खतरा है.
कैसे होगी यमुना नदी की सफाईआगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन से जुड़े KC जैन ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के जरिए यमुना की सफाई की मांग की थी जिस पर राज्य सरकार ने हलफनामे में कहा है कि यमुना की सफाई की जाती है तो ताजमहल और इस पर बने पुलों को खतरा है. SC ने आईआईटी रुड़की से सभी तथ्यों की जांच कराने को कहा. आईआईटी रुड़की ने भी अपनी रिपोर्ट में यही बातें दोहरायी है.
इस रिपोर्ट से पहले टीम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से मौजूदा स्मारकों की जानकारी और उनके स्ट्रक्चर के बारे में जानकारी नहीं ली. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1978 से 2023 तक दो से ढाई मीटर तक यमुना का जलस्तर गिरा है. ऐसे में अगर लगातार यमुना नदी में पानी कम होता रहा तो ताजमहल की बुनियाद को खतरा हो सकता है. आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर डॉक्टर हांडा ने कहा था की ताजमहल के आसपास यमुना का जलस्तर बढ़ा होना चाहिए जिससे ताजमहल की मजबूती भी बनी रहे. ताजमहल की नीव में साल की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है जो कि पानी से मजबूत बनी रहती है.
जांच रिपोर्ट में कई तथ्य आए सामनेआईआईटी रुड़की की दो सदस्य टीम जिसमें प्रोफेसर सीएसपी ओझा और KS हरिप्रसाद शामिल थे. उन्होंने 31 अगस्त 2024 को कैलाश मंदिर से ताजमहल दशहरा घाट तक लगभग 20 किलोमीटर क्षेत्र का निरीक्षण किया था. निरीक्षण में उन्होंने यमुना नदी के प्रदूषित होने के कारण बताए. रिपोर्ट में कहा गया है कि यमुना नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण बिना सीवेज ट्रीटमेंट के गिरते नाले हैं. यमुना नदी को गाद से इतना खतरा नहीं है. 45 सालों में यमुना नदी का जलस्तर दो से ढाई मीटर घटा है. अगर 5 से 6 मीटर तक डिसिल्टिंग की जाती है तो यमुना नदी के ऊपर बने पुल स्मारक और ताजमहल के लिए खतरा हो सकता है.
यमुना की वर्तमान स्थिति पर जताई गहरी चिंताअधिवक्ता KC जैन का कहना है कि यमुना नदी की वर्तमान स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन और कई अन्य संस्थाएं यमुना नदी को बचाने के लिए काम कर रही हैं. हर रोज यमुना नदी में सैकड़ों गंदे नाले गिर रहे हैं. कीचड़ जमा हो रहा है. पूजा सामग्री फेंकी जा रही हैं. त्योहारों पर मूर्ति विसर्जन के बाद नगर निगम और संबंधित विभाग सफाई नहीं करते हैं. इस वजहों से यमुना बेहद गंदी होती जा रही है. यमुना का पानी जहरीला होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह लगातार यमुना नदी पर बैराज की मांग कर रहे हैं. अगर यमुना नदी में पानी नहीं रहेगा तो विश्व प्रसिद्ध ताजमहल पर भी खतरा है. अगर 5 से 6 मी यमुना नदी में डिजल्टिंग नहीं कराई जा सकती तो इसे दो से तीन मीटर तक किया जा सकता है. अगर ऐसा ही रहा तो यमुना कभी साफ ही नहीं होगी.
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