कोरोना महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड वर्क मोड का चलन तेजी से बढ़ा है. कई लोगों ने इसे सुविधा और बैलेंस का जरिया माना, लेकिन हाल ही में एक बड़े ग्लोबल अध्ययन में सामने आया है कि ऑफिस से काम करना मेंटल हेल्थ के लिए कहीं ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. यूएस स्थित माइंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ‘Sapiens Labs’ द्वारा किए गए इस अध्ययन के मुताबिक (खासकर भारतीय कर्मचारियों के लिए) ऑफिस में काम करने वाले लोगों की मेंटल हेल्थ वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड मोड में काम करने वालों से बेहतर पाए गए हैं.
65 देशों के 54,831 कर्मचारियों से प्राप्त डेटा के आधार पर यह अध्ययन किया गया. रिपोर्ट बताती है कि भले ही काम का बोझ और लचीलापन जैसे ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ फैक्टर्स पर अक्सर जोर दिया जाता है, लेकिन वास्तव में ऑफिस पर अच्छे रिश्ते और काम में गर्व महसूस करना, मानसिक सेहत के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. अमेरिका और यूरोप में हाइब्रिड वर्क मोड में काम करने वाले लोगों की मेंटल हेल्थ सबसे अच्छे पाए गए, वहीं भारत में इसके विपरीत, ऑफिस से काम करने वाले कर्मचारियों की मानसिक सेहत बेहतर रही. अध्ययन में पाया गया कि भारतीय कर्मचारियों में टीम के साथ काम करने से मेंटल हेल्थ में सुधार का पैटर्न अन्य देशों की तुलना में कहीं ज्यादा स्पष्ट था.
अच्छे रिश्ते और काम में गर्व की भूमिकाअध्ययन के अनुसार, मेंटल हेल्थ पर सबसे गहरा असर ऑफिस में काम करने वाले साथी के साथ रिश्तों और काम में गर्व की भावना से पड़ता है. खराब रिश्ते और काम में गर्व की कमी मानसिक तनाव, उदासी और निराशा के भावों को जन्म दे सकती है, जिससे एनर्जी लेवल और मोटिवेशन में कमी आ सकती है. खासकर भारतीय कर्मचारियों में सहकर्मियों के साथ खराब रिश्तों का मानसिक तनाव से सीधा संबंध पाया गया. साथ ही, दुनिया भर में टीमों में काम करने वाले कर्मचारियों की मानसिक सेहत बेहतर पाई गई. भारत में यह सुधार पश्चिमी देशों की तुलना में कहीं ज्यादा तेज रहा.
काम के बोझ और तनाव का असरहालांकि काम का बोझ मानसिक सेहत के लिए एक बड़ा कारण माना जाता है, लेकिन इस अध्ययन के अनुसार, भारतीय कर्मचारियों में यह मुद्दा ग्लोबल एवरेज से कम पाया गया. केवल 13% भारतीय कर्मचारियों ने काम के बोझ को असहनीय बताया, जबकि ग्लोबल एवरेज 16% था.
मेंटल हेल्थ और काम करने की क्षमता पर प्रभावSapiens Labs की संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक तारा थियागराजन के अनुसार, मेंटल हेल्थ केवल मूड या दृष्टिकोण से नहीं जुड़ा होता, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने और प्रोडक्टिविटी के साथ काम करने की मानसिक क्षमता से संबंधित होता है. इसमें अनुकूलता, सामाजिक आत्मविश्वास, प्रेरणा और शारीरिक-मानसिक संबंध जैसी क्षमताएं शामिल हैं. अध्ययन में यह भी बताया गया कि मेंटल हेल्थ केवल पर्सनल लाइफ तक सीमित नहीं होता, बल्कि प्रोफेशनल लाइफ का भी उस पर गहरा असर पड़ता है. ऑफिस में रिश्तों और माहौल का मानसिक सेहत पर पॉजिटिव या नेगेटिव प्रभाव हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.