रजत भट्ट: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने छात्रों को शोध कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की है. जिससे संस्थान में रिसर्च का स्तर और ऊंचा उठ सके. इस योजना के तहत एम्स के छात्रों को शोध के लिए 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. यह राशि छात्र अपने शोध की गुणवत्ता सुधारने और नई रिसर्च में उपयोग कर सकेंगे. इस नई योजना के साथ एम्स की लाइब्रेरी को भी अपग्रेड किया जा रहा है. अब यह हाईटेक लाइब्रेरी छात्रों के लिए और भी अधिक सुलभ और संसाधनों से भरपूर होगी. खास बात यह है कि लाइब्रेरी में मेडिकल की किताबें हिंदी में भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे हिंदी माध्यम के छात्र भी आसानी से मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे.
बीमारियों पर रिसर्च से मिलेंगे नए समाधान
एम्स पूर्वांचल, बिहार और तराई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही बीमारियों पर भी शोध करेगा. इन बीमारियों की पहचान और रोकथाम के लिए एम्स अपने छात्रों को रिसर्च के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित करेगा. एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह के अनुसार इस क्षेत्र में कई प्रकार की गंभीर बीमारियां उभर रही हैं, जिनका समाधान केवल शोध कार्यों से ही संभव है.
संस्थान छात्रों को न सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि यदि शोध के दौरान किसी प्रकार की तकनीकी या वैज्ञानिक समस्या आती है, तो एम्स की टीम पूरी तरह से सहयोग करेगी. यह शोध क्षेत्र में छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और उन्हें नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करेगा.
छात्रों के लिए ग्रीवांस सेल की भी होगी स्थापना
छात्रों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए एम्स एक ग्रीवांस सेल भी स्थापित कर रहा है. इसमें सीनियर डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे, जो छात्रों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करेंगे. इसके साथ ही यह सेल छात्रों के शोध कार्य में आने वाली रुकावटों को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. एम्स का यह कदम न केवल छात्रों के विकास के लिए बल्कि पूरे चिकित्सा क्षेत्र में नई खोज और रोगों के इलाज में महत्वपूर्ण साबित होगा.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 15:28 IST