पीठ में दर्द एक सामान्य समस्या है. इसका सामना लगभग हर उम्र का व्यक्ति करता है. हालांकि बच्चों में पीठ दर्द आमतौर पर वयस्कों की तुलना में कम होता है, लेकिन यह माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकता है.
डॉ. पुनीत गिर्धर, प्रिंसिपल डायरेक्टर और हेड – ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जरी, BLK-Max सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बताते हैं कि बच्चों में होने वाले पीठ दर्द के अधिकांश मामलों में वजह मामूली खिंचाव या बॉडी पॉश्चर होता है. हालांकि कुछ स्थितियों में कारण स्पाइनल हेल्थ को डैमेज करने वाले होते हैं जिसके लिए एक्सपर्ट से जांच करवाना जरूरी होता है.
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बच्चों में पीठ दर्द के सामान्य कारण-
मांसपेशियों का खिंचाव और अधिक उपयोग
बच्चों में पीठ दर्द का एक सामान्य कारण मांसपेशियों का खिंचाव या अधिक उपयोग होता है, जो खेल, शारीरिक गतिविधियों या भारी बैग उठाने के कारण होता है. यह दर्द आमतौर पर आराम, स्ट्रेचिंग और ओवर-द-काउंटर पेन किलर से ठीक हो जाता है.
खराब पोश्चर
लंबे समय तक झुक कर बैठना या डिवाइस का उपयोग करने से पीठ दर्द हो सकता है. बच्चों को सही मुद्रा बनाए रखने के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है, जैसे सीधे बैठना, सहायक कुर्सियों का उपयोग करना और स्क्रीन से ब्रेक लेकर चलना.
चोटें
गिरने, खेलों में चोट लगने या दुर्घटनाओं के कारण भी पीठ में दर्द हो सकता है. इस प्रकार के दर्द के साथ कड़कपन, सूजन या गति में कठिनाई हो सकती है. आमतौर पर आराम और बर्फ लगाना मददगार होता है, लेकिन अगर दर्द लगातार हो, तो डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है.
रीढ़ की असमानता
स्कोलियोसिस जैसी स्थितियां, जिसमें रीढ़ का असामान्य मोड़ होता है, दर्द का कारण बन सकती हैं. यह स्थिति अक्सर किशोरावस्था में दिखाई देती है और नियमित जांच के दौरान पहचानी जा सकती है. शुरुआती स्टेज में पहचान से इस स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता है.
संक्रमण या ट्यूमर
रीढ़ में संक्रमण (जैसे डिस्क्राइटिस) या ट्यूमर पीठ दर्द का कारण बन सकते हैं. ऐसा दर्द अक्सर लगातार रहता है, और बच्चे को बुखार या वजन घटने जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं.
सूजन संबंधी स्थितियां
कभी-कभी बच्चों में सूजन संबंधी स्थितियां जैसे जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस भी पीठ दर्द का कारण बन सकती हैं, जिसमें जोड़ों में कड़कपन होता है. इसके लिए एक बाल रोग विशेषज्ञ या विशेषज्ञ से निरंतर प्रबंधन की आवश्यकता होती है.
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कब चिंता करनी चाहिए?
– अगर पीठ दर्द कुछ हफ्तों से अधिक समय तक रहता है, तो चिकित्सा जांच कराना आवश्यक है.
-अगर पीठ दर्द बच्चे को सोने से जगाता है, तो यह गंभीर समस्या जैसे संक्रमण या ट्यूमर का संकेत हो सकता है.
-अगर पैरों में सुन्नता, झुनझुनी, कमजोरी, चलने में कठिनाई, या मल-मूत्र नियंत्रण में समस्याएं होती हैं, तो यह तंत्रिका संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है और तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
– बुखार या अकारण वजन कम होना ये लक्षण पीठ दर्द के साथ हैं, तो यह अंतर्निहित संक्रमण या गंभीर समस्या के कारण हो सकता है इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
एक्सपर्ट की राय
डॉक्टर बताते हैं कि अधिकांश मामलों में बच्चों का पीठ दर्द मामूली कारणों जैसे मांसपेशियों के खिंचाव या खराब मुद्रा से होता है, जो आराम और उचित देखभाल से ठीक हो जाता है. लेकिन माता-पिता को निरंतर दर्द, तंत्रिका संबंधी लक्षण, या नींद में रुकावट जैसी समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है. ऐसे मामलों में, तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी होता है.