मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : लाठी और डंडे लेकर खड़े युवा सरकारी नौकरी तैयारी नहीं, बल्कि छुट्टा पशुओं को खदेड़ रहे हैं. भोर में चार बजे तक जागकर फसलों की रखवाली करते हैं. उसके बाद कहीं अन्न नसीब होता है. लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम जारी किया है. मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी तेज हो गई है. मझवां विधानसभा में बड़े मुद्दों में छुट्टा पशु एक मुद्दा है.
मझवां विधानसभा क्षेत्र के बरकछा कलां गांव में रात्रि नौ बजे लोकल 18 की टीम पहुंची. यहां पर काफी संख्या में युवा किसान छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए लाठी और टार्च लेकर रखवाली कर रहे थे. लोकल 18 की टीम से बातचीत में शशांक कुमार ने बताया कि सरकारी आंकड़ों में गौशाला बन रहे हैं. जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. हम लोग रात में 12 से एक बजे तक धान की फसल को बचाने के लिए रखवाली करते हैं.
टॉर्च, लाठी और गमछा लेकर करते हैं रखवाली
अनिल पाल ने बताया कि इस सरकार में छुट्टा पशुओं का आतंक बढ़ गया है. छुट्टा पशुओं के लिए गौशाला बनने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. किसानों को फायदे की जगह नुकसान हो रहा है. इस बार जनता इसको ध्यान में रखकर मतदान करेगी. गगन उपाध्याय ने बताया कि हमने सब्जी की खेती है. रात्रि में दो से तीन बजे तक टॉर्च, लाठी और गमछा लेकर रखवाली करते हैं. अगर ध्यान न दें, तो छुट्टा पशु सारी फसलों को चर जाएंगे.
भोर में चार बजे तक करते है रखवाली
राजकुमार ने बताया कि पिता ने धान की खेती की है. सुबह हम पढ़ाई के लिए स्कूल चले जाते हैं. घर आने के बाद रात्रि में आठ बजे से भोर में चार बजे तक पशुओं से फसल बचाने के लिए खेत पर ही रहते हैं. महज दो से तीन घंटे सो पाते हैं. वहीं, सुनील पाल ने कहा कि सुबह 10 बजे मजदूरी पर चले जाते हैं. रात्रि में आने के बाद खेत पर चले आते हैं. अगर फसलों की रखवाली नहीं करेंगे तो खाने के लिए भी दिक्कत बढ़ जाएगी.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 08:46 IST