पीलीभीत : इन दिनों धान की कटाई का समय चल रहा है. ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सख़्ती के मूड में हैं. इन घटनाओं की रोकथाम के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन पीलीभीत में गुरुवार को सैटलाइट की सूचना पर दौड़े अफसरों को निराश होकर ही लौटना पड़ा. सैटेलाइट से मिली लोकेशन पर धान की फसल लहलहाती मिली. आम तौर पर देखा जाता है कि लोग फसल की कटाई के बाद उनके अवशेष में आग लगा देते हैं. ऐसा करना आग लगने के ख़तरे को तो बढ़ाता ही है लेकिन इसके चलते आबोहवा भी जहरीली होती है.वैसे तो पीलीभीत को शिवालिक की तलहटी में बसे होने के चलते साफ आबोहवा वाला शहर माना जाता है. लेकिन बीते सालों में यहां का AQI 300 के आंकड़े तक को पार कर गया था. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब जिला प्रशासन पराली प्रबंधन को लेकर सख़्ती बरतता नज़र आ रहा है. इन घटनाओं की रोकथाम के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया जा रहा है.सवालों के घेरे में सैटेलाइट की कार्यशैलीयूपी में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है, लेकिन अब सैटेलाइट की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है. पीलीभीत में एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया सैटेलाइट ने जिला प्रशासन को बुलेटिन जारी कर बताया कि निर्धारित लोकेशन पर पराली जलाई गई है, लेकिन जब मौके पर राजस्व विभाग की टीम पहुंची तो वहां धान की फसल खड़ी मिली. मौक़े पर पहुंचे अधिकारियों को किसानों का विरोध भी झेलना पड़ा. फ़िलहाल अधिकारियों ने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई के लिए सौंप दिया है.गरीब किसानों पर न होने हो अत्याचारसैटलाइट से पराली जलाने की गलत सूचना मिलने पर किसान संगठन भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने अधिकारियों से मामले पर विरोध भी जताया. भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने अधिकारियों से सैटलाइट की चूक को सुधारने की मांग की जिससे आगामी दिनों में किसी गरीब के साथ अन्याय न हो सके.FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 14:17 IST