मथुरा. वृंदावन के फेमस संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम में एक 14 साल का लड़का पहुंचा. उसने महाराज जी से कहा कि आपकी कृपा से मैं अभी तक अच्छे से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहा हूं, पर कभी-कभी दूसरी माताओं-बहनों के प्रति गलत नजर चली जाती है. इस पर महाराज जी कहते हैं कि अभी तो तुम्हारी अवस्था ही नहीं है, माताओं-बहनों की तरफ गलत नजर से देखने की. इस पर भक्त कहता है कभी-कभी हो जाता है. महाराज जी कहते हैं कि मोबाइल का प्रयोग करते हो? इस पर बालक बोलता है कि नहीं, महाराज जी कहते हैं ऐसा हो ही नहीं सकता यह संस्कार इस उम्र में मोबाइल से ही मिल सकता है.महाराज जी आगे कहते हैं कि ये संस्कार कहा से आया है मित्र से या मोबाइल से? इस पर बालक कहता है मित्र से लेकिन अब उसका साथ छोड़ दिया है मैंने. जब मैं गलत तरह से देखता हूं तो बाद में मुझे लगता है कि मैंने पाप कर दिया है. वहीं महाराज जी कहते हैं कि अब कभी आगे ऐसे विचार आए, गंदा विचार आए तो बिल्कुल भी इस पर ध्यान न दें, कोई क्रिया न करें बस नाम जप करें. संत आगे कहते हैं कि नाम जप से सारे गंदे विचार डिलीट हो जाएंगे.
महाराज जी आगे कहते हैं कि गलत विचार आना तब गलत है जब आप कोई क्रिया करें. मतलब अगर आपके मन में कुछ गलत विचार आया, और फिर आपने उस विचार को क्रिया में उतार दिया तब पाप होगा, सिर्फ विचार आने से पाप नहीं होगा. नाम जप से इन विचारों को रोका जा सकता है. महाराज जी ने कहा कि अगर ब्रह्मचर्य करना है तो व्यायाम के साथ-साथ प्राणायाम भी करना चाहिए. साथ ही रात को सोते समय गर्म दूध मत पीजिएगा. अगर पीते हो तो 15, 20 मिनट टहलना है और नाम जप करते रहना. इससे काफी अच्चे लड़के बन जाएंगे.
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 20:31 IST