Meerut News: 166 सालों से नहीं मनाते दशहरा, इस दिन यहां रहता है मातम, भावुक कर देगी ये खबर

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Meerut News: 166 सालों से नहीं मनाते दशहरा, इस दिन यहां रहता है मातम, भावुक कर देगी ये खबर

मेरठ. जिला मुख्‍याल से तकरीबन तीस किलोमीटर दूर गगोल गांव में दशहरा न मनाने के पीछे ऐसी वजह है कि आप सन्न रह जाएंगे. यहां के लोगों का कहना है कि जब मेरठ में क्रान्ति की ज्वाला फूटी थी. तो इसी गांव के तकरीबन नौ लोगों को दशहरे के दिन ही फांसी दी गई थी इसलिए दशहरे का त्योहार वो नहीं मनाते हैं. मेरठ का एक गांव ऐसा है जहां के बारे में जानकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे. आमतौर पर सभी त्योहारों का इंतज़ार करते हैं. ख़ासतौर पर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा पूरे देश में और देश के बाहर भी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन मेरठ के इस गांव में दशहरा के दिन घरों में चूल्हे नहीं जलते. यहां दशहरा शब्द सुनते ही लोग मायूस हो जाते हैं.मेरठ से तीस किलोमीटर दूर गगोल गांव में सैकड़ों वर्षों से दशहरा नहीं मनाया गया. अगर आपसे पूछा जाए कि किसी भी त्योहार को आप कैसे मनाते हैं तो आप यही कहेंगे हंसी ख़ुशी के साथ. लेकिन मेरठ का एक ऐसा गांव है जहां दशहरा त्योहार का नाम सुनते ही सबकी हवाईयां उड़ जाती हैं. यहां तक कि दशहरा शब्द सुनते ही लोग रुअंधे हो जाते हैं. जब पूरा देश दशहरा जैसा त्योहार मनाता है तो इस गांव में मातमी सन्नाटा रहता है. जब पूरा देश असत्य पर सत्य की जीत का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाता है तो इस गांव के घरों में चूल्हा भी नहीं जलता.
गांव दशहरा क्यों नहीं मनाता, पीपल का वो पेड़ आज भी मौजूद हैऐसे में न्यूज़ 18 ने इस गांव का दौरा किया और इस राज़ को जानना चाहा कि आखिर तकरीबन अट्ठारह हज़ार की आबादी वाला गांव दशहरा क्यों नहीं मनाता. लोगों ने जब इस राज़ पर से पर्दा उठाया तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई. गगोल गांव के लोगों का कहना है कि जब मेरठ में क्रान्ति की ज्वाला फूटी थी. तो इसी गांव के तकरीबन नौ लोगों को दशहरे के दिन ही फांसी दी गई थी.गांव में पीपल का वो पेड़ आज भी मौजूद है जहां इस गांव के नौ लोगों को फांसी दी गई थी. ये बात इस गांव के बच्चे बच्चे में इस कदर घर कर गई है कि चाहे वो बच्चा हो या बड़ा. पुरुष हो या महिला दशहरा नहीं मनाता. यही नहीं इस दिन गांव में दशहरे के दिन किसी घर में चूल्हा तक नहीं जलता. वाकई में इस गांव की परम्परा निराली है.FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 23:24 IST

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