Pilibhit News : अब 24*7 होगी बाघों की निगरानी, हाईटेक संसाधनों से लैस हुआ पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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Pilibhit News : अब 24*7 होगी बाघों की निगरानी, हाईटेक संसाधनों से लैस हुआ पीलीभीत टाइगर रिजर्व

पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बीते कुछ सालों में इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष में काफी अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है. जंगली जानवर आबादी के बीच खेतों में डेरा जमा लेते हैं. संसाधनों के अभाव में अब तक इनकी निगरानी दिन के उजाले तक सीमित रहती थी. लेकिन अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन 24*7 बाघों की निगरानी कर सकेगी. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र शुरू होने से पहले संसाधन बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है. एक थर्मल ड्रोन समेत 34 इंफ्रारेड कैमरे आ गए हैं. यह कैमरे सर्वे करने और वन्यजीवों की निगरानी में सहायक साबित होंगे.उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में मौजूद घने साल के जंगलों में बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इन्हें वर्ष 2014 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था. वन्यजीव विहार के टाइगर रिजर्व में परिवर्तित होने के बाद संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया और सख्ती बरती गई. नतीजतन पीलीभीत में लगातार बाघों का कुनबा फल फूल रहा है. वर्तमान में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में 73 से भी अधिक बाघ मौजूद हैं. जानकारों का मानना है कि 730 वर्ग किमी. में फैला यह जंगल इतने अधिक बाघों को वास स्थल देने में नाकाफी साबित हो रहा है. यही कारण है कि जंगल से सटे पीलीभीत के अलग अलग इलाकों में बाघ व तेंदुए आबादी के बीच डेरा डाले रहते हैं.सटीक लोकेशन ट्रैक करना होगा आसानआबादी के बीच एक बार आसान शिकार मिल जाने के बाद यह इन्हीं खेतों को अपना ठिकाना बना लेते हैं. ऐसे में कई बार मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी घटित हो जाती है. आबादी में आए बाघों की गन्ने समेत अन्य खेतों में निगरानी करना एक बड़ी चुनौती रहती है. वहीं अब तक पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के पास कोई ऐसा उपकरण भी नहीं था जो रात में निगरानी में मददगार साबित हो सके. लेकिन अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व थर्मल ड्रोन व इन्फ्रारेड कैमरों से लैस हो गया है. जिससे अब रेपिड रिस्पॉन्स टीमें रात में भी वन्यजीवों की सटीक लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं.प्रभावी निगरानी जरूरीपूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि प्रभावी निगरानी के लिए संसाधनों को लगातार बढ़ाया जा रहा है. थर्मल ड्रोन समेत 34 इंफ्रारेड कैमरे आ गए हैं. यह कैमरे सर्वे करने और वन्यजीवों की निगरानी में सहायक साबित होंगे.FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 21:45 IST

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