दुनिया के लिए महान बल्लेबाज हैं सचिन… फिर भी कपिल देव ने मास्टर ब्लास्टर में निकाली थी ये बड़ी कमी

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दुनिया के लिए महान बल्लेबाज हैं सचिन… फिर भी कपिल देव ने मास्टर ब्लास्टर में निकाली थी ये बड़ी कमी



भारत के लिए रनों और शतकों की झड़ी लगाने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की दुनिया कायल है, लेकिन भारत को 1983 का वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव मास्टर ब्लास्टर को एक महान बल्लेबाज बिल्कुल भी नहीं मानते. इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज होने के बाद भी सचिन तेंदुलकर को कपिल देव एक महान बल्लेबाज बिल्कुल भी नहीं मानते थे, जिसके पीछे खुद कपिल देव ने ही एक चौंकाने वाली वजह बताई थी. इस वजह को जानकर भारतीय फैंस के होश भी उड़ सकते हैं. 
दुनिया के लिए महान बल्लेबाज हैं सचिन…
बता दें कि कपिल देव और सचिन तेंदुलकर के बीच रिश्ते ज्यादा बेहतर नहीं रहे हैं. साल 2000 में सचिन तेंदुलकर भारत के कप्तान थे तब कपिल देव टीम इंडिया के कोच थे. तब सचिन तेंदुलकर का कपिल देव से विवाद हुआ था. सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब ‘प्लेइंग इट माइ वे’ में कपिल देव से अपने रिश्तों के बीच खटास का जिक्र किया था. सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब में कहा था कि साल 2000 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वह कपिल देव के बर्ताव से निराश थे. सचिन तेंदुलकर ने लिखा था कि कपिल देव कभी खुद को टीम के रणनीतिक फैसलों में शामिल नहीं करते थे. कपिल देव की सोच थी कि टीम को कप्तान के हवाले करना चाहिए, जिसका सचिन तेंदुलकर की कप्तानी पर असर पड़ा.
कपिल देव ने सचिन में निकाली ये बड़ी कमी
कपिल देव ने साल 2020 में यूट्यूब पर ‘इनसाइड आउट’ शो में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच डब्ल्यू वी रमन के साथ बातचीत में कहा था कि सचिन तेंदुलकर में दोहरा और तिहरा शतक जड़ने की काबिलियत नहीं थी. कपिल देव ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर को ये नहीं पता था कि शतक को 200 रन और 300 रन में कैसे बदला जाता है. सचिन तेंदुलकर एक टैलेंटेड बल्लेबाज जरूर थे, लेकिन वह निर्दयी बल्लेबाज तो बिल्कुल भी नहीं थे. बता दें कि सचिन तेंदुलकर के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक भी तिहरा शतक नहीं है. सचिन तेंदुलकर का टेस्ट में बेस्ट स्कोर 248 रन है. सचिन के नाम टेस्ट क्रिकेट में छह दोहरे शतक हैं. 
शतक के बाद सिंगल रन लेना शुरू कर देते थे
कपिल देव ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर जिस तरह के बल्लेबाज थे, उसे देखा जाए तो उन्हें अपने करियर में कम से कम 3 तिहरे शतक जड़ने चाहिए थे और इसके अलावा 10 दोहरे शतक ठोकने चाहिए थे, लेकिन सचिन तेंदुलकर शतक के बाद सिंगल रन लेना शुरू कर देते थे. जबकि उन्हें शतक के बाद और भी ज्यादा आक्रामक बल्लेबाजी करनी चाहिए थी. बता दें कि सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान वनडे में 18,426 और टेस्ट में 15,921 रन बनाए हैं. सचिन तेंदुलकर के नाम 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हैं.



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