These 7 symptoms appear before menopause women marrying late do not ignore family planning would be difficult | पीरियड्स पर फुल स्टॉप लगने से पहले दिखते हैं ये 7 लक्षण, लेट शादी करने वाली महिलाएं न करें इग्नोर, फैमिली प्लानिंग हो जाएगी मुश्किल

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These 7 symptoms appear before menopause women marrying late do not ignore family planning would be difficult | पीरियड्स पर फुल स्टॉप लगने से पहले दिखते हैं ये 7 लक्षण, लेट शादी करने वाली महिलाएं न करें इग्नोर, फैमिली प्लानिंग हो जाएगी मुश्किल



रेगुलर पीरियड होना इस बात का सबूत है कि महिला कंसीव करने में सक्षम है. महिलाओं में 30 के बाद यह क्षमता कम होने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी आसान नहीं होती. इस फेस को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है. यह पूरी तरह पीरियड्स के बंद होने यानी की मेनोपॉज की शुरुआत होती है. इस फेस पहुंचने के बाद बच्चा पैदा करना मुमकिन नहीं है, इसलिए महिलाओं को आमतौर पर 30-35 तक फैमिली प्लानिंग की सलाह दी जाती है. 
वैसे तो यह ट्रांजिशन 40-44 की उम्र में शुरू होता है, लेकिन आज के समय में लाइफस्टाइल की आदतों के कारण 30 में भी कई महिलाएं इस फेस में पहुंच जाती हैं. इस दौरान महिलाओं को कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन से गुजरना पड़ता है, जिन्हें समझना और पहचानना बहुत जरूरी है. क्योंकि पेरिमेनोपॉज फेस 7-14 साल तक चल सकता है. ऐसे में यदि आप लेट शादी कर रहीं हैं, तो इन लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर न करें. 
अनियमित पीरियड्स
पेरिमेनोपॉज का सबसे कॉमन लक्षण अनियमित पीरियड्स है. इस दौरान मेंस्ट्रुएशन साइकिल में बदलाव आ सकता है. यह बदलाव हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है. ऐसे में किसी महीने जल्दी या कभी लेट पीरियड्स आते हैं.
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हॉट फ्लैशेज
अचानक से शरीर में गर्मी महसूस होना, पसीना आना और कभी-कभी घबराहट भी महसूस होना पेरिमेनोपॉज का लक्षण है. यह लक्षण कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकते हैं और ये दिन या रात के किसी भी समय हो सकते हैं.
नींद में कमी
इस अवधि में कई महिलाएं नींद संबंधी समस्याओं का सामना करती हैं. मानसिक तनाव के कारण रात में सोने में कठिनाई हो सकती है. इससे दिन में थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है.
मूड स्विंग्स
पेरिमेनोपॉज के दौरान हार्मोनल परिवर्तन मूड स्विंग्स का कारण बन सकते हैं. महिलाएं अचानक से उदास, चिड़चिड़ी या चिंतित महसूस कर सकती हैं. 
सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी परेशानी
पेरिमेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाएं यौन संबंधों में कमी या असुविधा का अनुभव कर सकती हैं. हार्मोन स्तर में कमी के कारण योनि में सूखापन और संवेदनशीलता में कमी आ सकती है. 
मेमोरी और फोकस में कमी
इस दौरान महिलाओं को याददाश्त संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कई महिलाएं भूलने की बीमारी या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव करती हैं. यह लक्षण आमतौर पर हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है.
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शारीरिक परिवर्तन
पेरिमेनोपॉज के दौरान शरीर में शारीरिक परिवर्तन भी होते हैं, जैसे वजन बढ़ना, मांसपेशियों में कमी और शरीर के आकार में बदलाव. 
इन बातों का ध्यान रखें
पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को मैनेज करने के लिए हेल्दी डाइट लें.  नियमित व्यायाम करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. साथ ही यदि लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से परामर्श लें. वे हार्मोनल थेरेपी या अन्य उपचार की सलाह दे सकते हैं. 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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