Brinjal Farming: आलू-प्याज की जगह इस ‘बाहुबली’ सब्जी की करें खेती, कम लागत-मेहनत में घर बैठे होगी कमाई

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Brinjal Farming: आलू-प्याज की जगह इस 'बाहुबली' सब्जी की करें खेती, कम लागत-मेहनत में घर बैठे होगी कमाई

बुलंदशहर: बुलंदशहर जिले के नारायणपुर गांव के किसान संजय कुमार ने कृषि के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है. वैसे तो प्रदेश के हरदोई जिले में बैंगन की खेती सबसे ज्यादा होती है, लेकिन संजय कुमार ने इस फसल में नई संभावनाओं को पहचाना और पहले से कई ज्यादा कमाई करना शुरू किया.

बैंगन की खेती है बहुत फायदेमंदसंजय कुमार ने पहले कई प्रकार की फसलों की खेती की, लेकिन उन्हें बार-बार नुकसान का सामना करना पड़ा. एक बार उन्होंने हरदोई जिले में एक किसान को बैंगन की खेती करते देखा, तब उन्होंने इस फसल के बारे में जानकारी ली. इस जानकारी के आधार पर, उन्होंने अपने गांव आकर बैंगन की खेती करने का फैसला किया. संजय कुमार का कहना है कि यह फैसला उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ और अब वह इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

बैंगन की खेती का समय और तरीकाबैंगन की खेती साल में दो बार की जाती है. पहली फसल जनवरी-फरवरी में बोई जाती है, जबकि दूसरी अप्रैल में. अप्रैल में बोई गई फसल से बरसात के मौसम में बेहतरीन क्वालिटी के बैंगन मिलते हैं. बैंगन की खेती के लिए खेतों की गहरी जुताई की जाती है, जिसमें गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है.

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खेतों में मेड़बंदी कर बैंगन के बीजों को बोया जाता है. एक एकड़ में लगभग 3,500 पौधे लगाए जा सकते हैं. पौधों की रोपाई 6×3 फीट की दूरी पर की जाती है, ताकि उन्हें पर्याप्त जगह मिल सके.

बैंगन की खेती से मुनाफासंजय कुमार बताते हैं कि बैंगन की फसल से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. पहले उन्हें कई बार नुकसान का सामना करना पड़ा, लेकिन बैंगन की खेती के अनुभव ने उनकी तकदीर बदल दी. बैंगन की खेती से किसान कम समय में अधिक उत्पादन हासिल कर रहे हैं, जिससे उन्हें लाखों का मुनाफा मिल रहा है.
Tags: Agriculture, Bulandshahr news, Local18FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 11:15 IST

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