कोर्ट की ‘सुप्रीम’ रोक के बाद…. बाबा के राज में मिलावट तो छोड़िए अब अगर थूक दिया तो बन जाएगी ‘रेल’

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कोर्ट की 'सुप्रीम' रोक के बाद.... बाबा के राज में मिलावट तो छोड़िए अब अगर थूक दिया तो बन जाएगी 'रेल'

लखनऊः जूस में थूक तो कभी खाने में मिलावट. ऐसी घटनाएं उत्तर प्रदेश में लगातार सामने आ रही हैं. हाल ही में शामली जिले में एक जूस विक्रेता जूस बनाते वक्त उसमें थूकते हुए नजर आया. यही वजह है कि योगी सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने फरमान जारी किया है कि अब खाने-पीने वाली दुकानों की सघन जांच होगी. यही नहीं अब रेस्टोरेंट और ढाबे में काम करने वाले कर्मचारियों का भी वेरिफिकेशन होगा और मालिकों को अपना असली नाम बोर्ड पर लिखना होगा. हालांकि ऐसे फैसले पहली बार नहीं लिए गए हैं. इससे पहले भी योगी सरकार ने फैसला लिया था. लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए रोक लगा दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी रोकयूपी में जब कांवड़ यात्रा शुरू हुई तो योगी सरकार ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकान संचालकों को निर्देश दिया था कि सभी अपने-अपने ढाबे, रेस्टोरेंट, फल विक्रेता व चाय-पानी की दुकान लगाने वाले अपने असली नाम का बोर्ड लगाएं. इसके बाद यह पूरा मामला तूल पकड़ लिया और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया गया था. तब सरकार ने सर्वोच्च अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि यह आदेश शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा के संचालन के लिए जवाब दिया गया था.

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया था जवाबयूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट का आदेश पूरी तरह से कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के हित में जारी किया गया था. इसके अलावा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट बताया था कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों के कारण होने वाले भ्रम के संबंध में कांवड़ियों से मिली शिकायतों के जवाब में जारी किए गए थे.

सीएम ने थूक जैसी घटना को बताया वीभत्समंगलवार को हुई बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स, यह सब स्वीकार नहीं है. सीएम योगी ने निर्देश दिया कि ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की सघन जांच होगी. हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन होगा. खान-पान की चीज़ों की शुद्धता-पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यक संशोधन के निर्देश भी दिए गए हैं. खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा. शेफ हो या वेटर सबको मास्क व ग्लव्स लगाना होगा. रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा. अपशिष्ट आदि गंदी चीजों की मिलावट की तो संचालक/प्रोपराइटर पर भी कठोर कार्रवाई होगी.

देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई घटनाओं को लेकर हुई बैठकमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए.
Tags: UP newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 13:48 IST

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