सोनभद्र: कहानी है सोनभद्र जिले के अगोरी की रहने वाली मंजरी की. जिसे बलिया जिले के गौरा गांव के वीर लोरिक से प्रेम हो गया था. लोरिक बहुत अच्छे से जानता था कि मंजरी को पाने के लिए उसे युद्ध करना पड़ेगा. राजा मोलागत ने मंजरी को रोकने के कई प्रयास किए. पर वीर लोरिक ने हार नहीं मानी. वह अपनी सेना और बारात के साथ सोन नदी पार कर अगोरी के किले तक जा पहुंचे. वहां भीषण युद्ध हुआ और लोरिक ने अकेले ही राजा मोलागत की विशाल सेना का सामना किया. आखिर में दोनों का विवाह हुआ.
मंजरी और वीर लोरिक की प्रेम कहानी वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित मारकुंडी घाटी में स्थित एक विशाल चट्टान है. जो दो हिस्सों में विभाजित है. यह चट्टान लोगों को लोरिक और मंजरी की प्रेम कहानी की याद दिलाती है. यह स्थान अब “वीर लोरिक पत्थर” के नाम से फेमस है. गोवर्धन पूजा के समय यहां सैकड़ों प्रेमी आते हैं और लोरिक-मंजरी की तरह अपने प्रेम के लिए प्रार्थना करते हैं. यह कहानी 10वीं सदी की मानी जाती है. आदिवासी अंचलों में विशेष रूप से लोकप्रिय है.
मंजरी की चुनौती और वीर लोरिक की विजयइतिहासकार दीपक केशरवानी के अनुसार, मंजरी ने अपनी विदाई के बाद लोरिक से एक और वीरता का परिचय देने की मांग की. वह चाहती थी कि लोरिक कुछ ऐसा करे जिसे देखकर लोग हमेशा उनके प्रेम को याद रखें. मंजरी ने लोरिक से कहा कि वह अपनी तलवार से एक विशाल चट्टान को दो भागों में विभाजित कर दे. लोरिक ने अपनी तलवार से एक ही वार में विशाल चट्टान को दो भागों में विभाजित कर दिया. तभी आज भी लोग लोरिक पत्थर को देखने पहुंचते हैं.
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लोरिक पत्थर से जुड़ी है आस्थालोरिक पत्थर से लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं. पूर्वांचल, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के सैकड़ों लोग यहां दर्शन करने आते हैं. खासकर गोवर्धन पूजा के समय यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. लोगों का मानना है कि इस पवित्र स्थल पर आकर कपल की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
Tags: Local18, Love Story, Sonbhadra NewsFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 20:57 IST