झांसी. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में सोमवार रात झलकारी बाई हॉस्टल की छात्राओं द्वारा किए गए हंगामे का विश्वविद्यालय शासन ने संज्ञान लिया है. छात्राओं का आरोप था कि अगर किसी लड़की की रात में तबीयत खराब हो तो उसके लिए एंबुलेंस नहीं बुलाई जाती है. वाटर कूलर को सही करने की बात कहें तो उसको भी इग्नोर कर दिया जाता है. बिजली नहीं आने की शिकायत करने पर उल्टा लड़कियों को ही दोषी ठहरा कर डांटा जाता है.विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया है. रजिस्ट्रार विनय कुमार सिंह ने बताया कि हॉस्टल की बच्चियों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया था. उन्होंने मुख्य रूप से वार्डन डॉ. अचला पांडेय को हटाने की मांग की थी. तत्काल प्रभाव से डॉ. सोमा मिश्रा को जांच की अवधि पूरी होने तक वार्डन का कार्यभार सौंपा गया है. एक जांच कमेटी गठित की गई है. ये कमेटी सभी तथ्यों की जांच करेगी. जहां तक सुरक्षा की बात है, गर्ल्स हॉस्टल आवासीय परिसर में हैं. मुख्य द्वार के बाद एक बड़ा गेट है, जहां 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं. हॉस्टल में आया और मेट्रन रहती हैं. बीमार होने पर मेट्रन और वार्डन अटेंड करते हैं.किसने वायरल किया वीडियो?इस पूरे प्रकरण में एक तरफ जहां विश्वविद्यालय प्रशासन सजग हो गया है तो दूसरी तरफ इस प्रदर्शन के समय को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं. विश्वविद्यालय में यह बात जोर पकड़ रही है की शायद यह प्रदर्शन प्रायोजित था. सूत्रों का कहना है कि लड़कियां किसी के बहकावे में यह कदम उठा रही थी. इसकी जांच भी की जा रही है कि वीडियो वायरल किसने किया था. दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के सभी हॉस्टल की वार्डन ने अपना इस्तीफा दे दिया है जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है.FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 20:32 IST