केरल के मलप्पुरम जिले में 24 वर्षीय छात्र की निपाह वायरस के संक्रमण के चलते मौत हो गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने तुरंत अलर्ट जारी कर दिया है. संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने कई अहम कदम उठाए हैं और स्थानीय क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. नागरिकों से मास्क पहनने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की अपील की गई है. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन सेंटर, मदरसे, आंगनवाड़ी और सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया है. हालांकि, दुकानों को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है.
आपको बता दें कि निपाह वायरस एक बेहद घातक वायरस है, जिसका प्रकोप केरल में पहले भी देखा जा चुका है. यह वायरस इंसानों और जानवरों दोनों में संक्रमण फैला सकता है और इसका संक्रमण तेजी से फैलता है. निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में शुरुआती लक्षणों के बाद स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है और यह जानलेवा साबित हो सकता है.
मलप्पुरम में अलर्ट के बाद उठाए गए कदमछात्र की मौत के बाद प्रशासन ने संक्रमित क्षेत्रों में पांच सिविक वार्ड्स को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके. इसके अलावा, दुकानों के खुलने और बंद होने का समय भी निर्धारित किया गया है. प्रशासन ने लोगों से सामाजिक समारोहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की अपील की है.
175 से अधिक संपर्कों की पहचानस्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए संपर्क में आए लोगों की पहचान की है. 175 से अधिक संपर्कों की पहचान कर ली गई है और उन पर करीबी नजर रखी जा रही है. उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है और उनकी नियमित जांच की जा रही है. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए अन्य लोगों को भी अलर्ट किया गया है ताकि किसी भी नए संक्रमण की शुरुआत को रोका जा सके.
निपाह वायरस के लक्षण- तेज बुखार- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द- गले में खराश- कमजोरी और थकान- सांस लेने में दिक्कत- उल्टी और दस्त- भ्रम और मानसिक स्थिति में परिवर्तन
कैसे फैलता है निपाह वायरस?निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों के माध्यम से फैलता है. यह वायरस संक्रमित चमगादड़ के शरीर के तरल पदार्थों, जैसे लार या मूत्र, के संपर्क में आने से फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति से भी यह वायरस अन्य लोगों में फैल सकता है, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें और अपनी जांच करवाएं.