एआई आधरित शिक्षा से लेकर ट्यूरिज्म तक, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित रविकांत और प्रधानमंत्री की हुई ये बात

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एआई आधरित शिक्षा से लेकर ट्यूरिज्म तक, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित रविकांत और प्रधानमंत्री की हुई ये बात

मिर्जापुर: समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बदलाव हो रहे हैं. एक समय था जब बच्चे ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाई करते थे. फिर व्हाइटबोर्ड का दौर आया और कोरोना के बाद स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत हुई. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि छात्रों की शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग हो जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाले माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें.उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के प्राइमरी स्कूल भगेसर में कार्यरत प्रधानाध्यापक रविकांत द्विवेदी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. पुरस्कार के बाद देशभर से चुने गए शिक्षकों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मुलाकात की. यह मुलाकात विशेष रही क्योंकि प्रधानमंत्री ने शिक्षा को और रोचक बनाने के लिए शिक्षकों से सुझाव मांगे और खुद भी महत्वपूर्ण विचार साझा किए.राष्ट्रपति द्वारा सम्मान और प्रधानमंत्री से खास मुलाकातरविकांत द्विवेदी ने लोकल 18 से विशेष बातचीत में बताया कि राष्ट्रपति द्वारा इतने बड़े पुरस्कार से सम्मानित होना उनके लिए बेहद खास अनुभव रहा. वहीं, प्रधानमंत्री से मुलाकात भी एक अविस्मरणीय क्षण था. उन्हें जब पता चला कि प्रधानमंत्री सभी सम्मानित शिक्षकों से मुलाकात करेंगे तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने सहज और आत्मीय तरीके से सभी से बात की और शिक्षकों के अनुभवों को ध्यानपूर्वक सुना.शिक्षा में नवाचार के लिए प्रधानमंत्री के सुझावप्रधानमंत्री ने शिक्षा को और बेहतर बनाने के सुझाव मांगे और विशेष रूप से पर्यटन को शिक्षा से जोड़ने पर बल दिया. उन्होंने शिक्षकों को सुझाव दिया कि वे किसी स्थान को चिन्हित करें और वहां अपने छात्रों को शैक्षिक यात्रा पर लेकर जाएं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के समग्र विकास के लिए पर्यटन और व्यावहारिक ज्ञान पर भी ध्यान देना चाहिए.एआई आधारित शिक्षा पर प्रधानमंत्री का जोररविकांत द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने खासतौर पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि विदेशों में एआई तकनीक का उपयोग शिक्षा में हो रहा है और भारत में भी इसे अपनाने की दिशा में काम होना चाहिए. बताया कि प्रधानमंत्री का एक भारत-श्रेष्ठ भारत का सपना तभी साकार होगा जब हमारे स्कूलों के बच्चे नवोदय और आश्रम पद्धति जैसे प्रतिष्ठित विद्यालयों में चयनित होकर आगे बढ़ेंगे.FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 19:15 IST

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