भगवान राम ने बनवास के दौरान खाया था यह फल, यहां आज भी है उपलब्ध, खरीदकर ले जाते हैं भक्त

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विकाश कुमार/ चित्रकूट : चित्रकूट की धरती पर भगवान श्री राम के वनवास काल की ऐतिहासिक छाप आज भी देखी जा सकती है. यह फल, जो कि चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर मिलता है, धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान खाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. भक्त इसे भगवान श्री राम का प्रसाद मानते हैं और इसे खाने खाने के साथ साथ अपने साथ घर भी ले जाते हैं. बता दें कि  चित्रकूट वही स्थान है, जहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे.
भक्त प्रसाद के रूप में लेते हैं यह फलआपको बता दें  कि यह फल चित्रकूट के कामदगिरि परिक्रमा में आज भी मिलता है और इसकी लाइन से दुकान भी लगती है. यह फल कंदमूल नाम से जाना जाता है, जिसको प्रभु श्री राम बड़े ही प्रेम से खाया करते थे. बता दें कि यह फल कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के अलावा और कहीं भी चित्रकूट में नहीं मिलता है. अगर इसके रेट की बात करें तो यह भक्तों को 10 रूपए का एक पीस के रूप में दिया जाता है.
परिक्रमा मार्ग में मिलता है यह फलवहीं  परिक्रमा मार्ग में दुकान लगाकर बेच रहे दुकानदारों ने ऑफ कमरे में बताया कि यह कंदमूल फल है और यह भगवान श्री राम का प्रसाद भी है. हम लोग इसको नासिक से लाकर चित्रकूट में बेचते हैं. जिसको चित्रकूट आने वाले भक्त काफी ज्यादा पसंद करते हैं और इसको खाने के साथ-साथ अपने घर भी प्रसाद के रूप में ले जाते हैं. उनका मानना है कि यह फल स्वाद के साथ-साथ पौष्टिक अहार से भी भरा होता है.FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 14:52 IST

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