जंगली जानवर के डर से बच्चों ने स्कूल जाना किया बंद, कई गांवों में दहशत

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जंगली जानवर के डर से बच्चों ने स्कूल जाना किया बंद, कई गांवों में दहशत

रिपोर्ट- संजय यादव

बाराबंकी: इस समय खूंखार जंगली जानवरों के आतंक से देश के कई हिस्सों में ग्रामीण और शहरी लोग काफी परेशान है. मुश्किल तब और बढ़ जाती जब ये जंगली जानवर वन विभाग की भी पकड़ में नहीं आते हैं. इनके एकाध घटनाओं को अंजाम देने के बाद इलाके में हल्ला तो हो जाता है कि खूंखार जंगली जानवर इलाके में आ गया है लेकिन, कई बार तो इनकी पहचान भी नहीं हो पाती है कि आखिर जानवर कौन सा है.

बाराबंकी में इसी तरह जंगली जानवरों के डर से ग्रामीणों की आंखों से नींद गायब हो चुकी है. लोगों को अपने परिवार की चिंता सत्ता रही. गुजरे जमाने की तरह लोग हाथ में लाठी डंडा लेकर अपने बच्चों की रखवाली कर रहे हैं. डर के मारे बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे हैं. बाराबंकी में ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने रात में जिस जंगली जानवर को देखा है वह भेड़िया है. वहीं लोगों का यह भी आरोप है कि वन विभाग उनसे भेड़िया को सियार कहने का दबाव बना रहा है.

दरअसल, बाराबंकी जिले के हरख वन क्षेत्राधिकार अंतर्गत आने वाले गांवों में जंगली जानवर के हमले के बाद से क्षेत्र के कई गावों में दहशत का माहौल बना हुआ है. दहशत के कारण ग्रामीण अपने खेतों में भी नहीं जा रहे है.

दरअसल, गोछौरा गांव में बीते मंगलवार को रिजवाना खेत में बकरी चराने के लिए गई हुई थी. उसी दौरान एक जंगली जानवर ने उस पर हमला कर दिया. रिजवाना को कई जगह चोटें आयीं. जंगली जानवर के हमले से क्षेत्र के तमाम गावों में ग्रामीणों की रात जागते बीत रही. डर के कारण ग्रामीण दिन में भी अपने खेतो तक जाने से बच रहे हैं. लोग बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. वन विभाग ने भी हार मान ली है. ग्रामीणों का दावा है कि उनके गांव में भेड़िया ही है.

ग्रामीणों ने बताया कि जिन गांवों से होकर जानवर गुजरा या फिर हमला किया वहां के लोग डरे हुए हैं. इसके बाद भी लोग हिम्मत जुटाकर दिन-रात उस जानवर की तलाश में लगे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जानवर देखा पर विभाग यह तक नहीं बता सका कि यह जानवर काैन सा है.

वन विभाग के साथ ही ग्रामीणों ने भी जानवर को खोजने का मोर्चा संभाल लिया है. वह सर्च में जुटी टीमों का पूरा साथ भी दे रहे हैं. इसके बावजूद दहशत का आलम यह है कि शाम होते ही बड़े और बच्चे अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं. परिवार के अन्य सदस्य सोते हैं तो बाकी सदस्य हाथ में लाठी डंडा लिए रात भर जग रहे हैं. बच्चों का कहना है कि वह लोग डर के चलते स्कूल नहीं जा रहे हैं. जब तक भेड़िया पकड़ा नहीं जाएगा वह लोग स्कूल नहीं जाएंगे.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 21:02 IST

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