paris paralympics 21st medal for india sachin khilari wins silver in shot put india medal tally | पेरिस पैरालंपिक में भारत को मिला 21वां मेडल, सचिन खिलारी ने शॉट पुट में जीता सिल्वर

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paris paralympics 21st medal for india sachin khilari wins silver in shot put india medal tally | पेरिस पैरालंपिक में भारत को मिला 21वां मेडल, सचिन खिलारी ने शॉट पुट में जीता सिल्वर



Sachin Khilari Wins Silver : पेरिस पैरालंपिक में भारत की झोली में 21वां मेडल आ गया है. शॉट पुट की पुरुष प्रतियोगिता में सचिन खिलारी ने सिल्वर मेडल जीता. सचिन खिलारी ने सातवें दिन भारत का खाता खोलते हुए पुरुषों की शॉटपुट एफ46 स्पर्धा में यह मेडल नाम किया. वर्ल्ड चैंपियन सचिन का 16.32 मीटर का थ्रो एफ46 कैटेगरी में किसी एशियाई द्वारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था. 2023 और 2024 के वर्ल्ड चैंपियन सचिन खिलारी कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट से पीछे रहे. ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 के थ्रो के साथ गोल्ड हासिल किया.
तीन भारतीयों ने लिया हिस्सा
इस इवेंट में कुल तीन भारतीयों ने भाग लिया. मोहम्मद यासर और रोहित कुमार पोडियम फिनिश नहीं कर सके. वे 14.21 मीटर और 14.10 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ क्रमशः 8वें और 9वें स्थान पर रहे. सचिन, जो वर्ल्ड चैंपियन और एशियाई खेलों में जीत के बाद पेरिस पैरालिंपिक में आए थे. उन्होंने सभी 6 वैलिड थ्रो किए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूसरे प्रयास में आया. वह शुरुआत से ही सचिन कनाडा के स्टीवर्ट के साथ टॉप-2 दावेदारों में बने हुए थे.
— SAI Media (@Media_SAI) September 4, 2024
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एथलेटिक्स में 11वां मेडल 
पेरिस पैरालंपिक में भारत की एथलेटिक्स टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. सचिन के सिल्वर के साथ पैरा-एथलेटिक्स में भारत का यह 11वां मेडल है. ट्रैक और फील्ड दल पैरालिंपिक 2024 में भारत के लिए मेडल जीतने में बड़ी भूमिका निभाता दिखा है. भारत को आगे और भी मेडल की उम्मीदें हैं. छठे दिन ही भारत ने 20वां मेडल जीतने के साथ टोक्यो में किए पैरालंपिक में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर किया. टोक्यो में भारत ने 19 मेडल जीते थे, जो अब तक का किसी पैरालंपिक सीजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
— JioCinema (@JioCinema) September 4, 2024
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9 साल की उम्र में हुआ था एक्सीडेंट
सचिन खिलारी की पैरालंपिक मेडल जीतने तक की कहानी किसी के लिए प्रेरणा से कम नहीं है. उन्होंने शॉट पुट में बड़ी सफलता हासिल करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया. करगानी, अटपाडी तालुका, सांगली जिला, महाराष्ट्र में जन्मे सचिन खिलारी 9 साल की उम्र में एक साइकिल एक्सीडेंट का शिकार हो गए, जिसके कारण उनके बाएं हाथ में फ्रैक्चर और गैंग्रीन हो गया. इसके बावजूद, उन्होंने इंजीनियर बनने के लिए पढ़ाई करते हुए खेल के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखा. शुरुआत में, उन्होंने भाला फेंकना शुरू किया, लेकिन कंधे की चोट के बाद उन्हें शॉट पुट में जाना पड़ा. यह बदलाव उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ.
2017 में जीता पहला गोल्ड
कोच अरविंद चव्हाण के मार्गदर्शन में खिलारी ने शॉट पुट में अपने टैलेंट को निखारा. उन्होंने 2017 में जयपुर नेशनल्स में 58.47 मीटर की थ्रो के साथ अपना पहला गोल्ड मेडल जीता. उनकी लगन और खेल के प्रति अपने जूनून का फल तब मिला जब उन्होंने पिछले साल पेरिस में 16.21 मीटर के नए एशियाई रिकॉर्ड के साथ अपना पहला वर्ल्ड पैरा खिताब जीता. इसके बाद उन्होंने हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में 16.03 मीटर की थ्रो के साथ खिताब जीता.
गोल्ड मेडल डिफेंड किया
खिलारी की सबसे हालिया उपलब्धि जापान के कोबे में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में आई, जहां उन्होंने पुरुषों की शॉट पुट एफ46 कैटेगरी में 16.30 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ अपना गोल्ड मेडल डिफेंड किया. इस जीत से चैंपियनशिप में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में योगदान दिया, जिसने पिछले 10 मेडल्स की संख्या को पार कर लिया.



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