महाराजगंज: उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला एक ग्रामीण परिवेश वाला जिला है. यहां के ज्यादातर लोग खेती के व्यवसाय से जुड़े हैं. इनमें से बहुत से किसान ऐसे हैं, जो खेती के साथ-साथ गाय पालन का भी काम करते हैं. हालांकि पशुपालन और कृषि पुराने समय से ही एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं. गाय पालन करने वाले लोगों के लिए कुछ अच्छी नस्ल की गाय उनके आय को काफी बढ़ा सकती है. गायों की कुछ नस्ल ऐसी होती हैं, जो काफी मात्रा में दूध देती है, जिससे पशुपालक को काफी आय मिलती है.
दस से बीस लीटर मिलता है दूध
यदि कोई पशुपालक उन्नत नस्ल के गाय का पालन करता है, तो उसे दूध के अलावा भी अन्य कई तरह के फायदे होते हैं. अच्छी नस्ल के गाय पालन से पशुपालकों को दूध तो मिलता ही है, इसके अलावा गोबर और मूत्र से भी उसे फायदा होता है. साहीवाल, रेड सिंधी और गिर गाय जैसी अच्छी नस्लों वाली गाय काफी मात्रा में दूध देती हैं. इन गायों से पशुपालक को 10 से 20 लीटर तक का दूध मिलता है जो एक अच्छी आमदनी का जरिया होता है. इसके अलावा पशुपालन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान भी दिए जाते हैं, जिससे इसमें नए लोग भी जुड़ सकें.
गाय की नस्ल के साथ देख रेख जरूरी
महाराजगंज के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गायों के अच्छी नस्ल के साथ-साथ उनके खान-पान और देखरेख की भी जरूरत होती है. यह सभी गाय से होने वाले दूध उत्पादन को प्रभावित करते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देसी नस्ल की गाय दूसरे नस्लों की तुलना में ज्यादा सही रहती है. यह हमारे लोकल क्लाइमेट में भी बहुत ही आसानी से सरवाइव करती हैं और बढ़िया दूध भी देती हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 08:24 IST