नई दिल्ली. कोविड-19 के बाद से अधर में अटकी हजारों लोगों के घर की रजिस्ट्री अब जल्द ही हो सकेगी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) में जिन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट फंसे हुए थे उनमें से 60 फीसदी रियलटर्स ने सरकार के रिहेब पैकेज को स्वीकार कर लिया है.
योगी आदित्यनाथ की अगुआई में हुई बैठक में बताया गया कि कुल 161 प्रोजेक्ट्स थे जिनका काम रुक गया था. इनमें से 93 प्रोजेक्ट्स के मालिकों ने दिसंबर में सरकार द्वारा दिए गए रीहैब पैकेज को स्वीकार कर लिया है. इससे 63418 फ्लैट्स की रजिस्ट्रीज खुलने का रास्ता बन गया है.
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सरकार को इन 93 प्रोजेक्ट्स से अब तक 953 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. इसके अलावा अगले साल तक 2250 करोड़ रुपये और मिलने की उम्मीद है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अथॉरिटीज को यह आदेश भी दिया है कि जो डेवलपर्स तय नियमों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं उनके खाली और गैर-आवंटित फ्लैट्स को सील कर दिया जाए. इसके अलावा उनके लैंड अलॉटमेंट्स को भी कैंसिल करने का आदेश दिया गया है.
बता दें कि नोएडा में 57 बिल्डर्स ने डिफॉल्ट किया था जिसमें से 22 ने पैकेज स्वीकार किया है. पैकेज के तहत 2 वर्ष के लिए उनसे किसी भी तरह की पैनल्टी और ब्याज नहीं वसूला जाएगा. इस 2 वर्ष की समयावधि अप्रैल 2020 से मार्च 2022 के बीच की है. ये वह समय है जब कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण काम बंद हो गया था. ग्रेटर नोएडा में 98 में से 66 बिल्डर्स इस पैकेज के लिए हामी भर चुके हैं. वहीं, यीडा में 6 में से 5 बिल्डर्स ने पैसे जमा कर दिये हैं.
Tags: Business news, Property marketFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 23:04 IST