इस कार्ड के बिना सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में इलाज कराना होगा मुश्किल, मेरठ से हुई शुरुआत

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इस कार्ड के बिना सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में इलाज कराना होगा मुश्किल, मेरठ से हुई शुरुआत

रिपोर्ट- विशाल भटनागर

मेरठ: आधार कार्ड जीवन का हिस्सा बन चुका है. विभिन्न कार्यों में आधार कार्ड का अनिवार्य तौर पर उपयोग होने लगा है. इसी कड़ी में अब मरीज के इलाज में आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए नजर आएगा. शासन के दिशा निर्देशानुसार मार्च 2025 में सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में आभा आइडी के माध्यम से ही मरीजों को ट्रीटमेंट मिल पाएगा. इसको लेकर प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं. इसका नजारा आपको मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में भी देखने को मिलेगा. जहां ओपीडी में ट्रीटमेंट के लिए मरीजों को आधार कार्ड के माध्यम से ही पर्चा बनवाना पड़ रहा है.

आधार कार्ड लाए साथ या नंबर हो यादलाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि शासन के दिशा निर्देश अनुसार आभा आईडी जेनरेट करने की कड़ी में यह प्रक्रिया शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि 2025 के बाद आभा आईडी वालों को ही ओपीडी में ट्रीटमेंट मिल पाएगा. ऐसे में मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो उसको देखते हुए अभी से ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने मरीजों से अपील करते हुए कहा की आधार कार्ड अपने साथ अवश्य लाएं, अगर कभी आधार कार्ड उनके पास ना हो तो आधार नंबर को याद जरूर रखें. जिससे कि उन्हें पर्चा बनवाने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.

थंब इंप्रेशन से होता है वेरिफिकेशनमेडिकल कॉलेज में जो यह आधार वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है इसमें मरीजों को अपना आधार कार्ड दिखाना होता है. जिसके माध्यम से संबंधित कर्मचारी उसका पूरा डाटा फीड करते हैं. उसके बाद मरीज को अपने फिंगर प्रिंट भी संबंधित मशीन पर अपडेट करने होते हैं. जिसके माध्यम से उनका पूरा जो आधार संबंधित वेरिफिकेशन है वह कंप्लीट हो जाता है. इसके बाद मरीज को संबंधित ओपीडी का पर्चा प्राप्त होता है.

बताते चलें कि मेरठ मेडिकल कॉलेज की अगर बात की जाए तो यहां पर आपको हापुड़, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित आसपास की जनपद के मरीज अपना ट्रीटमेंट कराते हुए दिखाई देंगे. हालांकि, आधार वेरिफिकेशन की जो नई प्रक्रिया लागू हुई है उसमें बुजुर्ग मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके फिंगरप्रिंट जल्दी से मशीन में नहीं आते. जिसमें कई बार प्रयास करने के बाद जब सफलता नहीं मिलती तो उनको ऐसे ही पर्चा उपलब्ध कराया जाता है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 20:46 IST

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