महारानी विक्टोरिया के भारत आगमन का गवाह है यह तालाब, मुलायम सिंह यादव ने इस काम के लिए किया था सेलेक्ट

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महारानी विक्टोरिया के भारत आगमन का गवाह है यह तालाब, मुलायम सिंह यादव ने इस काम के लिए किया था सेलेक्ट

रिपोर्ट- रजत कुमार

इटावा: ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के नौका बिहार का गवाह रहे उत्तर प्रदेश के इटावा का ऐतिहासिक पक्का तालाब को पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया जायेगा. उत्तर प्रदेश सरकार की जन सहयोग योजना के मद्देनजर पर्यटन केंद्र की योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है. योजना के मद्देनजर करीब 2:15 करोड रुपए इटावा सदर की विधायक श्रीमती सरिता भदौरिया की ओर से प्रदान किए जाएंगे और इतने ही रुपए किसी सामाजिक संगठन की ओर से दिए जाएंगे जिसके जरिए पर्यटन केंद्र की योजना को प्रभावी बनाया जाएगा.

पर्यटन अधिकारी बोलेइटावा के जिला पर्यटन अधिकारी मोहित सिंह बताते हैं कि राज्य सरकार की ओर से चलाई गई जन सहभागिता योजना के अंतर्गत ऐतिहासिक पक्का तालाब को पर्यटन केंद्र बनाने की योजना पर अंतिम मोहर लग गई है. बजट निर्धारित हो गया है लेकिन, धनराशि अभी जारी नहीं की गई है. धनराशि जारी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.

करीब 200 साल पुराना है पक्का तालाब200 साल पुराने इतिहास यानी पक्का तालाब की सूरत बदलने की तैयारी है. वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बाद साल 2014 में पूर्व पालिका अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता ने पक्का तालाब के सौंदर्यीकरण का जिम्मा उठाया. पानी व पत्थर के बीच खाली जगह पर पेड़ पौधे भी लगाए गए थे.

लगा है अशोक स्तंभपक्का तालाब के बीच में लगे अशोक स्तंभ पर एक गोल रनिंग गुब्बारा लगाया गया था इसके अलावा चार अलग-अलग कोनों पर समरपंप भी लगाए गए थे.

इटावा के पहचान का है मुख्य केंद्रपक्का तालाब अपने तरह का एक विशेष तालाब है. यह अंग्रेजों के जमाने से स्थित है. इसके एक किनारे पर ब्रिटिश कालीन मेमोरियल हाल बना हुआ है, वहीं श्री साईंधाम के साथ शिवालय, हनुमान मंदिर सहित अनेक मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं. यहां हर सुबह अनेक लोग भ्रमण के लिए आते हैं. आस्था से जुड़े लोगों का मेला सा लगा रहता है.

महारानी विक्टोरिया के भारत आगमन पर बना है तालाबब्रिटिश शासन काल में महारानी विक्टोरिया के भारत आगमन पर विक्टोरिया मैमोरियल की स्थापना की गई थी. इसके पास बने प्राचीन तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था. समय के साथ बदहाल हुए पक्के तालाब को 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सौन्दर्यीकरण कराने के लिए चुना था जिसके बाद तालाब का सौन्दर्यीकरण भी कराया गया था. सरकार जाने के बाद रुके हुए अधूरे निर्माण से व्यवस्थाएं बिगड़ गईं. अब बार फिर नगर पालिका परिषद ने इस तालाब को पर्यटन स्थल बनाने के लिए काम शुरू किया है.

रजवाड़ों ने बनवायामहारानी विक्टोरिया के नाम पर जिले के रजवाड़ा व धनाढ्य घरानों ने शहर के पक्का तालाब के किनारे विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण कराया. जब ब्रिटिश सरकार ने रजवाड़ों को भारत दौरे पर आ रहीं इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को खुश करने की सलाह दी. पक्का तालाब के किनारे न सिर्फ आजादी की लड़ाई के रूप में बल्कि कुछ अन्य स्मृतियों के साथ इसे संजोया गया है. 15 अगस्त 1957 को अंग्रेजी हुकूमत की यादों को मिटाने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का नाम बदलकर कमला नेहरू हॉल रखा गया और पक्के तालाब के बीचों-बीच अशोक स्तम्भ स्थापित कर दिया गया. यह निशानी थी कि भारत अब आजाद है.

इतिहासकार की रायइटावा के चौधरी चरण सिंह पीजी कालेज के प्राचार्य ओर वरिष्ठ इतिहासकार डा.शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि यह पक्का तालाब आजादी के वक्त का ना केवल निर्मित है बल्कि इससे इटावा की पहचान बनी हुई है. अगर इसको पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया जाता है तो निश्चित है की बड़ी तादात में पर्यटक पक्का तालाब पर भ्रमणशील रहेंगे.

इटावा के स्थानीय नागरिक डॉक्टर विशेष सिंह पटेल का मानना है कि वैसे तो पक्का तालाब पर सुबह शाम बड़ी तादात में लोग टहलने के लिए आते हैं लेकिन जब पक्का तालाब पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा तो इसका स्वरूप अपने आप में अद्भुत नजर आएगा.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 21:23 IST

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